अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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बुधवार, 22 अप्रैल 2009
सूत जी घोषित हीरो जी के निजि सचिव के साथ : जनतन्तर कथा (18)
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हे, पाठक! वायरस पार्टी के परबक्ता से मिल कर सूत जी महाराज को बड़ा हर्ष हुआ। नई कथा के लिए सूत्र मिल चुका था। परबक्ता को अपना परिचय दिया ...
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मंगलवार, 21 अप्रैल 2009
नयी फिलम का हीरो केवल हमरे पास ; जनतन्तर कथा (17)
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हे, पाठक! पन्द्रहवीं महापंचायत के लिए महारथी मैदान में डट गए। लोगों ने तलाशना शुरू किया, है कोई नया चेहरा हो मैदान में? सब जगह पुराने ही ...
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रविवार, 19 अप्रैल 2009
पब्लिक सीखे डिरेवरी ; जनतन्तर कथा (16)
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हे, पाठक! आप सुधिजन हैं, आप जान चुके हैं कि पुरानी कार मियादी मरम्मत और रंग रोगन के लिए बरक्शॉ में है। टाटा जी की नई कार के लिए लाइन भले ह...
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शनिवार, 18 अप्रैल 2009
पुरानी कार पाँच साला सर्विस के लिए बरक्शॉ में : जनतन्तर कथा (15)
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हे, पाठक! जैसे हरि अनंता, हरि कथा अनंता! वैसे ही जनतन्तर अनंता और जनतन्तर कथा अनंता! सकल परथी के भिन्न-भिन्न खंडों पर भाँत-भाँत के रूप,आ...
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शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009
जो चमकाए देस उन को हम चमकाए देत : जनतन्तर कथा (14)
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हे, पाठक! किसी भी पंचायत का पाँच साल चल जाना आज के वक्त में बड़ी बात है। भले ही चाचा पन्द्रह साल और उन की बेटी दस साल पंचायत में बैठी रही ...
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गुरुवार, 16 अप्रैल 2009
पाँच बरस चल गया साँझे का चूल्हा : जनतन्तर-कथा (13)
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हे, पाठक! ये जो बैक्टीरिया पार्टी है न? यह ऐसे ही बैक्टीरिया पार्टी नहीं बन गई। इसे ऐसी बनने में बरसों लग गए। तब भरतखण्ड पर परदेसी राज ...
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बुधवार, 15 अप्रैल 2009
चालीस माह में महा-पंचायत के तीन चुनाव : जनतन्तर-कथा (12)
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ग्यारहवीं महापंचायत पूरी तरह से ऐतिहासिक थी। वायरस पार्टी की सरकार तेरह दिन चली। विश्वास मत पर घंटों बहस हुई। बहस के बाद मतदान होता, उस स...
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