अनवरत

क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!

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शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

किरपा का धंधा और आत्मविश्वास

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घ र से अदालत तक के नौ किलोमीटर के मार्ग के ठीक बीच में है बाबूलाल की पान की दुकान। मैं  जाते समय रोज वहाँ रुकता हूँ, पान लेने के लिए...
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दिनेशराय द्विवेदी
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