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क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!

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मंगलवार, 28 जून 2011

"शाबास बेटी, तुमने ठीक किया"

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नि शा, शायद यही नाम है, उस का। उस का नाम रजनी या सविता भी हो सकता है। पर नाम से क्या फर्क पड़ता है? नाम खुद का दिया तो होता नहीं, वह हमेशा न...
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दिनेशराय द्विवेदी
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