अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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मंगलवार, 17 अप्रैल 2012
दोराहा, निश्चय और समंजस
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को ई पैंतीस बरस हुए, बुआ की पुत्री के विवाह में जाते हुए रास्ते में दुर्घटना हुई और पिताजी के दाहिने हाथ की कोहनी में गंभीर चोट लगी। रे...
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बुधवार, 8 फ़रवरी 2012
विश्वसनीय सरकारें अभी भारत के भविष्य में दूर दूर तक बदा नहीं हैं।
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सो मवार सुबह 5.55 की ट्रेन से बेटी पूर्वा को जाना था। अलार्म बजा तो हम तीनों की नींद छूट गई। पूर्वा अपनी तैयारी करने लगी और उस की माँ उस क...
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गुरुवार, 16 दिसंबर 2010
इंतजार खत्म !! किताब हाज़िर है ........................ "शब्दों का सफ़र"
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जि स किताब का अर्से से मुझे इंतजार था, वह कल भोपाल पुस्तक मेले में पहुँच रही है। आ ज जब भाई अजित वडनेरकर ने बताया कि " शब्दों का सफर...
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