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क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!

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मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

फिर से पढना, मुल्कराज आनंद के उपन्यास "कुली" का

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कि सी भी शाकाहारी के लिए वह भी ऐसे शाकाहारी के लिए जिस के लिए किसी भी तरह के अंडा और लहसुन तक त्याज्य हो,  यात्रा करना एक चुनौती से कम नहीं।...
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दिनेशराय द्विवेदी
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