अनवरत

क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!

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गुरुवार, 29 अगस्त 2013

दिखाने के लिए ही सही कुछ तो सम्मान शेष रहता

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1985 में मैं ने अपने लिए पहला वाहन लूना खरीदी थी, दुबली पतली सी। लेकिन उस पर हम तीन यानी मैं, उत्तमार्ध और बेटी पूर्वा बैठ कर सवारी करते थे...
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दिनेशराय द्विवेदी
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