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मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018
क्या हमें पूंजीवादी संसदों में भाग लेना चाहिये?
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भारतीय परिस्थितियों में एक सवाल हमेशा खड़ा किया जाता है कि क्या अब कम्युनिस्ट पार्टी का संसदीय गतिविधियों में भाग लेना उचित रह गया है? इस ...
रविवार, 15 जुलाई 2012
विवशता को कब तक जिएंगे श्रमजीवी?
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अं तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का कहना है कि सभी देशों में भविष्य निधि के लिए कानून होना चाहिए जिस से औद्योगिक कर्मचारियों के भविष्य के लिए क...
3 टिप्पणियां:
रविवार, 21 अगस्त 2011
भट्टी में जाने के पहले, ईंट ये गल-बह जाए
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स त्ताधीश का कारोबार बहुत जंजाली होता है। उसे सदैव भय लगा रहता है कि कहीं सत्ता उस के हाथ से छिन न जाए। इस लिए वह अपने जंजाल को लगातार विस...
10 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 19 अगस्त 2011
सर्वोच्च संसद, आंदोलन और संकल्प
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सं सद सर्वोच्च है। पर कौन सी संसद? जिसे जनता को चुन कर भेजे। मौजूदा संसद को क्या जनता ने चुना है? क्या जनता के पास अपनी पसंद का सांसद चु...
13 टिप्पणियां:
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