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गुरुवार, 28 मई 2009

सूत जी ने माना, वे सठिया गए हैं : इस युग का प्रधान वैषम्य : जनतन्तर कथा (35)

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हे, पाठक!  सूत जी को नैमिषारण्य पहुँचे तीन दिन व्यतीत हो गए।  चौथे दिन वे कार्यालय पहुँच कर पीछे से दो माह में हुई गतिविधियों के बारे में ...
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दिनेशराय द्विवेदी
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