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क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!

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सोमवार, 6 सितंबर 2010

छप्पन के बचपने का पहला दिन .....

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क ल का दिन अहम तो था ही। आखिर हम सुबह सवेरे जब पाँच बज कर उनचास मिनट में छह सैकंड शेष थे तब जिन्दगी के पचपन साल पूरे कर छप्पनवें में प्रवेश ...
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दिनेशराय द्विवेदी
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