अनवरत
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प्रलय
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शुक्रवार, 7 अगस्त 2009
सांख्य का सार
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हम सांख्य को संक्षेप में इस तरह समझ सकते हैं- 1. प्रलय की अवस्था में सारा पदार्थ, समस्त तत्व एक अपूर्वता (Singularity) में निहीत होता है।...
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गुरुवार, 6 अगस्त 2009
जगत का विकास, प्रलय और पुनः जगत का विकास
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साँख्य कारिका के पुरुष केवल अनुमान हैं। ईश्वर कृष्ण कहते हैं कि ये सब प्रकृति के तत्व हैं वे सब उपभोग के लिए हैं इस कारण भोक्ता जरूरी है। इ...
15 टिप्पणियां:
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