अनवरत

क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!

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सोमवार, 8 नवंबर 2010

विजिटिंग कार्ड बनाम बर्डे का न्यौता

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व ह 1990 के साल के मार्च महिने की चौबीस तारीख थी। मैं अदालत से वापस लौटा ही था। अचानक पहले कॉलबेल बजी, फिर लोहे के मेनगेट के बजने की आवाज आई...
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दिनेशराय द्विवेदी
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