अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
पेज
(यहां ले जाएं ...)
Home
▼
पानी
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
पानी
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
रविवार, 24 अप्रैल 2016
ये हवा, ये सूरज, ये समन्दर, ये बरसात क्या करे?
›
ह मारे गाँवों में बस्ती के नजदीक खलिहान होते थे। फसल काट कर लाने और तैयार करने के वक्त सिवा यही खलिहान दूसरे दूसरे कामों में आते थे...
रविवार, 29 मई 2011
पानी जुटाएँ, केवल महिलाएँ और लड़कियाँ?
›
क ल एक यात्रा पर जाना हुआ। 300 किलोमीटर जाना और फिर लौटना। बला की गर्मी थी। रास्ते में हर जगह पानी के लिए मारामारी दिखाई दी। हर घर इतना पानी...
22 टिप्पणियां:
रविवार, 27 जून 2010
गाँव की सामान्य अर्थव्यवस्था - -एक ग्राम यात्रा
›
पिछली पोस्टों घमौरियों ने तोड़ा अहंकार - एक ग्रामयात्रा , देवताओं को लोगों की सामूहिक शक्ति के आगे झुकना पड़ता है और घूंघट में दूर...
15 टिप्पणियां:
शनिवार, 26 जून 2010
घूंघट में दूरबीन और हेण्डपम्प का शीतल जल -एक ग्राम यात्रा
›
पिछली पोस्टों घमौरियों ने तोड़ा अहंकार - एक ग्रामयात्रा और देवताओं को लोगों की सामूहिक शक्ति के आगे झुकना पड़ता है से आगे ....... ...
12 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 25 जून 2010
देवताओं को लोगों की सामूहिक शक्ति के आगे झुकना पड़ता है
›
पिछली पोस्ट घमौरियों ने तोड़ा अहंकार - एक ग्रामयात्रा से आगे ....... चौ पाल पर बैठे लोग आप में बतिया रहे थे। मैं अपरिचित था। इस लिए केवल ...
11 टिप्पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें