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बुधवार, 28 अगस्त 2019
राष्ट्रीयता और अन्तर्राष्ट्रीयता
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- प्रेमचन्द राष्ट्रीयता इसमें तो कोई सदेह नहीं कि अन्तर्राष्ट्रीयता मानव संस्कृति और जीवन का बहुत ऊँचा आदर्श है, और आदि काल से...
4 टिप्पणियां:
सोमवार, 28 फ़रवरी 2011
यह निबंध सभी ब्लागरों को पढ़ना चाहिए
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सू क्ष्मतम मानवीय संवेदनाओं को कलात्मक तरीके से अभिव्यक्त करने की क्षमता कविता में होती है। यही विशेषता कविता की शक्ति है। इन संवेदनाओं को प...
14 टिप्पणियां:
रविवार, 2 जनवरी 2011
एक दिन हम इन सारी बाधाओं को हटा डालेंगे
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क ल हम ने बांग्ला साहित्य के शिखर पुरुष गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर और आधुनिक हिन्दी साहित्य के आधुनिक युग के मौलिक निबंधकार, उत्कृष्ट समालोचक...
5 टिप्पणियां:
गुरुवार, 8 अक्टूबर 2009
वे सवारियाँ !
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सवारी के बिना आज के जमाने में गुजारा नहीं है। जीवन के पहले पच्चीस बरस मैंने अपने गृह नगर बाराँ में बिताए। वहाँ सारा नगर हर कोई पैदल ही घू...
13 टिप्पणियां:
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