अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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बुधवार, 19 जनवरी 2011
भय के कारण को ही तुच्छ समझने की चेष्टा
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गा लियाँ दी जाती रही हैं, और दी जाती रहेंगी और चर्चा का विषय भी बनती रहेंगी। गालियाँ क्यों दी जाती हैं? इस पर खूब बातें हो चुकी हैं, लेकिन क...
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शुक्रवार, 14 मई 2010
आलोचना, चाटुकारिता और निन्दा - अपराध और परिवीक्षा
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ह मारे पास माध्यम के रूप में सब से पहले काव्य कृतियाँ सामने आईं जो लिखित न होते हुए भी श्रुति से हमारे बीच थीं। इन कृतियों में सब कुछ था। जी...
24 टिप्पणियां:
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