अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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निदा फ़ाजली
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रविवार, 18 जनवरी 2009
नाड़े और इज़ारबंद, लटकाने, दिखाने, इतराने और कविता कहने के
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आज दीतवार है। बकौल मराठी माणूस कम और मालवी मिनख ज्यादा के ब्लाग पर उदृत पत्र के लेखक आर डी सक्सेना यह आदित्यवार है। उधर मालवी में ही...
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