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बुधवार, 29 दिसंबर 2010

पंकज सुबीर को उन के उपन्यास 'ये वो सहर तो नहीं' पर ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार

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पि छले दिनों मुझे एक विवाह के सिलसिले में सीहोर जाना और तीन-चार दिन रुकना हुआ। विवाह की व्यस्तता, और विवाह में आए बहुत से प्रिय संबंधियों का...
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दिनेशराय द्विवेदी
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