अनवरत

क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!

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शनिवार, 6 फ़रवरी 2010

खूबसूरत मोर रोता है, अपने पैरों को देख कर

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क ई दिनों से आसमान में बादल छाए थे। लेकिन बरसात नहीं हो रही थी। तालाब सूख चुका था। पानी के लिए तालाब के पेंदे में गड्ढे बना कर काम चलाया जा ...
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दिनेशराय द्विवेदी
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