अनवरत

क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!

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शुक्रवार, 20 मार्च 2009

बदलता मौसम, किसान और मेरी उदासी

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  शीतकाल सारी सर्दी हलके गर्म पानी का इस्तेमाल किया स्नान के लिए।  होली पर रंगे पुते दोपहर बाद 3 बजे बाथरूम में घुसे तो सोचा पानी गर्म लें ...
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दिनेशराय द्विवेदी
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