अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
पेज
(यहां ले जाएं ...)
Home
▼
अतिरिक्त मूल्य
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
अतिरिक्त मूल्य
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
बुधवार, 10 जून 2009
उद्यम भी श्रम ही है
›
उद्यमैनेव सिध्यन्ति कार्याणि, न मनोरथै। नहि सुप्तस्य सिंहस्य: प्रविशन्ति मुखे मृगा:॥ हिन्दी के सक्रियतम ब्लागर (चिट्ठा जगत रेंक) श्री ज...
15 टिप्पणियां:
गुरुवार, 28 मई 2009
महालक्ष्मी ताऊपने के बिना एकत्र क्यों नहीं होती? : जनतन्तर कथा (36)
›
हे, पाठक! अगली रात्रि का भी जब दूसरा प्रहर समाप्त होने को था, तब सनत ने संपर्क किया। दृश्यवार्ता में संपर्क बन जाने पर सूत जी बोले- सनत! म...
14 टिप्पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें