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मंगलवार, 20 अगस्त 2013

डॉ. धाभोलकर की इस हत्या रंग लाएगी, एक दिन दुनिया अंधश्रद्धा से निर्मूल अवश्य होगी।

महाराष्ट्र सरकार शीघ्र अन्धश्रद्धा निर्मूलन कानून बनाए

अंधविश्वास और काले जादू के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने वाले डॉ. नरेन्द्र धाभोलकर पुणे स्थित अपने निवास से सुबह की सैर के लिए निकले थे कि औंकारेश्वर पुल के नजदीक मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावरों ने उनके सिर पर क़रीब से गोलियां दाग कर उन की हत्या कर दी। उन्हें देख कर लोगों ने उन्हें ससून अस्पताल पहुँचाया जहाँ उन की मृत्यु हो गई। पुणे के पुलिस आयुक्त गुलाबराव ने दाभोलकर की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस हत्या के कारणों की जांच की जा रही है लेकिन अभी तक किसी हमलावर की पहचान नहीं हुई है।
देश और दुनिया भर के अंधश्रद्धा विरोधी और वैज्ञानिक विचार के समर्थक लोगों और उन के आन्दोलन को इस घटना से गहरा दुख पहुँचा है। अनेक राजनेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने धाभोलकर की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें प्रगतिवादी सोच के लिए समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता बताया है। डॉ. धाभोलकर प्रगतिवादी सोच के लिए महाराष्ट्र में  विशेष रूप से काम कर रहे थे।
हाराष्ट्र के मुख्यमंत्री  पृथ्वीराज चव्हाण ने डॉ. धाभोलकर की हत्या की निंदा करते हुए उनके हत्यारों का सुराग बताने वाले को दस लाख रुपए इनाम की घोषणा की है। राज्य के गृह मंत्री आरआर पाटिल ने डॉ. धाभोलकर की हत्या पर क्षोभ और दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को इस मामले की तह में जाने का निर्देश दिया है। पुलिस ने बताया कि 69 साल के डॉ. धाभोलकर को कुल चार गोलियां मारी गई थीं जिनमें दो उनके सिर पर लगी थीं।
माज में व्याप्त अंधविश्वासों को खत्म करने और वैज्ञानिक चेतना जगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की अगुवाई कर रहे थे। साथ ही वे प्रगतिवादी विचारधारा की पत्रिका ‘साधना’ के संपादक भी थे। महाराष्टर के सतारा ज़िले के रहने वाले डॉ. धाभोलकर सामाजिक कुप्रथाओं और अंधविश्वास के ख़िलाफ क़ानून लाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में एक विधेयक लाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन कुछ लोग उनकी इस मुहिम के ख़िलाफ थे। इस विधेयक में जिन कृत्यों को अपराध घोषित किए जाने का प्रस्ताव था वे निम्न प्रकार हैं …
  1. भूत उतारने के बहाने किसी व्यक्ति को, रस्सी या ज़ंजीर से बांधकर रखना, पीटना, लाठी या चाबुक से मारना, पादत्राण भिगाकर उसका पानी पिलाना, मिरची का धुआं देना, छत से लटकाना, रस्सी या बालों से बांधना, उस व्यक्ति के बाल उखाडना, व्यक्ति के शरीर पर या अवयवों पर गरम की वस्तु के दाग देकर हानि पहुँचाना, सार्वजनिक स्थान पर लैंगिक कृत्य करने की जबरदस्ती करना, व्यक्ति पर अघोरी कृत्य करना, मुँह में जबरदस्ती मूत्र या विष्ठा डालना या ऐसी कोई कृति करना।
  2. किसी व्यक्ति को तथाकथित चमत्कार कर उससे आर्थिक प्राप्ति करना और इसी प्रकार ऐसे तथाकथित चमत्कारों का प्रचार और प्रसार कर लोगों को फंसाना, ठगना अथवा उन पर दहशत निर्माण करना।
  3. अतिन्द्रीय शक्ति की कृपा प्राप्त करने के लिए ऐसी अघोरी प्रथाओं का अवलंब करना जिन से जान का खतरा होता हो या शरीर को प्राणघातक जख्म होते हों; और ऐसी प्रथाओं का अवलंब करने के लिए औरों को प्रवृत्त करना, उत्तेजितकरना या उन के साथ जबरदस्ती करना।
  4. मूल्यवान वस्तु, गुप्त धन, जलस्रोत खोजने के बहाने या तत्सम कारणों से करनी, भानामति इत्यादि नामों से कोई भी अमानुष कृत्य करना या ऐसे अमानुष कृत्य करने और जारणमारण अथवा पर नरबलि देना या देने का प्रयास करना, या ऐसे अमानुष कृत्य करने की सलाह देना, उसके लिए प्रवृत्त करना, अथवा प्रोत्साहन देना।
  5. अपने भीतर अतींद्रिय शक्ति है ऐसा आभास निर्माण कर अथवा अतींद्रिय शक्ति संचरित होने का आभास निर्माण कर औरों के मन में भय निर्माण करना या उस व्यक्ति का कहना न मानने पर बुरे परिणाम होने की धमकी देना।
  6. कोई विशिष्ट व्यक्ति करनी करता है, काली विद्या करता है, भूत लगाता है, मंत्र-तंत्र से जानवरों की दूध देने की क्षमता समाप्त करता है, ऐसा बताकर उस व्यक्ति के बारे में संदेह निर्माण करना, इसी प्रकार कोई व्यक्ति अपशकुनी है, रोग फैलने का कारण इत्यादि बताकर या आभास निर्माण कर संबंधित व्यक्ति का जीना मुश्किल करना, कष्टमय करना या कठिन करना, कोई व्यक्ति शैतान या शैतान का अवतार है, ऐसा घोषित करना।
  7. जारणमारण, करनी या टोटका करने का आरोप लगा कर किसी व्यक्ति के साथ मारपीट करना, उसे नग्नावस्था में घुमाना या उसके रोज के व्यवहार पर पाबंदी लगाना।
  8. मंत्र की सहायता से भूत-पिशाचों का आव्हान कर या आव्हान करने की धमकी देकर लोगों के मन में घबराहट निर्माण करना, मंत्र-तंत्र अथावा तत्सम बातें बनाकर किसी व्यक्ति को विष-बाधा से मुक्त करने का आभास निर्माण करना, शारीरिक हानि (क्षति) होने के लिए भूत या अमानवी शक्ति का कोप होने का आभास करा देना, लोगों को वैद्यकीय उपचार लेने से रोककर, उसके बदले उन्हें अघोरी कृत्य या उपाय करने के लिए प्रवृत्त करना अथवा मंत्र-तंत्र (टोटका) जादूटोना अथवा अघोरी उपाय करने का आभास निर्माण कर लोगों को मृत्यु का भय दिखाना, पीडा देना या आर्थिक अथवा मानसिक हानि पहुँचाना।
  9. कुत्ता, साँप, बिच्छु आदि के काटे व्यक्ति को वैद्यकीय उपचार लेने से रोककर या प्रतिबंध कर, उसके बदले, मंत्र-तंत्र, गंडा-धागा आदि अन्य उपचार करना।
  10. उंगली से शस्त्रक्रिया कर दिखाता हूँ ऐसा दावा करना या गर्भवती स्त्री के गर्भ का लिंग बदल कर दिखाता हूँ ऐसा दावा करना।
  11. (क) स्वयं में विशेष शक्ति होने या किसी का अवतार होने या स्वयं पवित्र आत्मा होने का आभास निर्माण कर या उसके बातों में आई व्यक्ति को पूर्वजन्म में तू मेरी पत्नी, पति या प्रेयसी, प्रियकर था ऐसा बताकर, उस व्यक्ति के साथ लैंगिक संबंध रखना।
    (ख) संतान न होनेवाली स्त्री को अतींद्रिय शक्ति द्वारा संतान होने का आश्वारसन देकर उसके साथ लैंगिक संबंध रखना।
  12. मंद बुद्धि के (mentally retarded) व्यक्ति में अतींद्रिय शक्ति है ऐसा अन्य लोगों के मन में आभास निर्माण कर उस व्यक्ति का धंधे या व्यवसाय के लिए प्रयोग करना।
डॉ. धाभोलकर की इस हत्या से वैज्ञानिक विचारधारा के सभी समर्थक अत्यन्त हतप्रभ हैं। लेकिन यह वैज्ञानिक विचारधारा के समर्थन में अभियान चलाने वालों के जीवन समाप्त कर देने के प्रयासों का पहला अवसर नहीं है। इतिहास में ऐसा होता आया है। लेकिन इस के बावजूद मनुष्य का अज्ञान से ज्ञान की ओर बढ़ने का प्रयास कभी रुका नहीं, वह और बलवान हो कर आगे बढ़ता रहा। अब भी इस घटना से यह अभियान रुकने वाला नहीं है वह और मजबूत हो कर आगे बढ़ेगा। हम इस अभियान को निरंतर आगे बढ़ाएंगे। एक दिन अवश्य होगा जब दुनिया अंधश्रद्धा से निर्मूल होगी।
“तीसरा खंबा” और “अनवरत” डॉ. धाभोलकर की इस हत्या कि कड़ी निन्दा करते हैं। उन्हें उन के अथक प्रयासों के लिए सलाम करते हैं। हम आव्हान करते हैं कि वैज्ञानिक विचार के पक्षधर लोग एकजुट हों और अपने अपने क्षेत्र में इस अभियान को सक्रिय हो कर गति प्रदान करें।

7 टिप्‍पणियां:

  1. डॉ. धाभोलकर की हत्या की कड़ी निंदा करता हूँ और सरकार से इनके हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करता हूँ !

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  2. हत्यारों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ..

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  3. आपने जो कारण गिनाये हैं उनके विरुद्ध तो कोई भी तर्कशील ,बुद्धिमान व्यक्ति होगा
    उनकी मृत्यु बहुत दुखद है !

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} के शुभारंभ पर आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट को हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल में शामिल किया गया है और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा {रविवार} (25-08-2013) को हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar

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  5. दाभोलकर जी के सुझाए कानून जरूरी हैं, मगर क्या सरकार द्वारा इसमें सभी धर्मों को भी शामिल किए जाने का प्रावधान है ? क्योंकि इस संदर्भ में कई तरह की चर्चाएँ चल रही हैं...

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