कौन चिड़िया है जो गाती नहीं है कौन नदी है जो कल कल नही करती कौन मनुष्य है जो कविता नहीं करता? नहीं करता है तो समझो वह मनुष्य नहीं है। कहते हैं प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है, कविता भी की नहीं जाती, हो जाती है।
कैसा लगा आलेख? अच्छा या बुरा? मन को प्रफुल्लता मिली या आया क्रोध? कुछ नया मिला या वही पुराना घिसा पिटा राग? कुछ तो किया होगा महसूस? जो भी हो, जरा यहाँ टिपिया दीजिए.....
खूबसूरत तस्वीर। लगता है अभी बादल बरसने वाले हैं। आप कविता भी लिखते हैं क्या? आप इजाजत दें तो मै यह तस्वीर ले लूँ? नही देंगे तो चुरा ली जायेगी:)
जवाब देंहटाएं@ सुनीता शानू
जवाब देंहटाएंकौन चिड़िया है जो गाती नहीं है
कौन नदी है जो कल कल नही करती
कौन मनुष्य है जो कविता नहीं करता?
नहीं करता है तो समझो वह मनुष्य नहीं है।
कहते हैं प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है,
कविता भी की नहीं जाती, हो जाती है।
ये तस्वीर आप शौक से ले सकती हैं।
आप तो कलाकार होते जा रहे हैं .....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
वाह बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंरूई के फ़ाहे से बादल
आज 15/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गया हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
अद्भुत छटा बिखरी है।
जवाब देंहटाएंऐसा लगा जैसा बादलों की क्लास लगी हो आसमान में।
जवाब देंहटाएंमौसम बदला देख के, छुपता सूरज वीर।
जवाब देंहटाएंमेघों की सेना चली, बरसाने अब नीर॥
रंगों की बहार में तस्वीर में । अति सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंलाजवाब ..
जवाब देंहटाएंआ काश
सुन्दर। ऑंखें देख पा रही है लेकिन बोल पाना उनके लिए सम्भव नहीं।
जवाब देंहटाएंगजब!
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती