सर्वोच्च न्यायालय के ताजा निर्णय के बाद छह करोड़ गुजरातियों के नाम खुली चिट्ठी लिखने वाले नरेन्द्र मोदी के नाम गुजराती आईपीएस अधिकारी संजीव राजेन्द्र भट्ट ने खुली चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी के अंत में भट्ट ने महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के अपने सहपाठी भूचुंग डी. सोनम की एक कविता उदृत की है। यहाँ उस कविता का हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत है ...
करूंगा मैं युद्ध, अनवरत
मेरे पास सिद्धांत है, बल नहीं
तुम्हारे पास बल है, सिद्धांत कोई नहीं
तुम
तुम्हारे पास बल है, सिद्धांत कोई नहीं
तुम
तुम हो, और मैं
मैं हूँ
सुलह का कोई मार्ग नहीं
सुलह का कोई मार्ग नहीं
उतरो मैदान में युद्ध के लिए
मेरे साथ सत्य है, कोई बल नहीं
तुम्हारे पास बल है, सत्य कोई नहीं
तुम
तुम हो, और मैं
मैं हूँ
सुलह का कोई मार्ग नहीं
सुलह का कोई मार्ग नहीं
उतरो मैदान में युद्ध के लिए
तुम तोड सकते हो मेरा सिर
फिर भी तैयार हूँ मैं युद्ध के लिए
तुम फो़ड़ सकते हो मेरी हड्डियाँ
फिर भी तैयार हूँ मैं युद्ध के लिए
तुम मुझे जिंदा दफन कर सकते हो
फिर भी तैयार हूँ मैं युद्ध के लिए
करूंगा मैं युद्ध
अपनी रगों में दौड़ते हुए सत्य के साथ
करूंगा मैं युद्ध
सचाई के हर अंश के साथ
करूंगा मैं युद्ध
जीवन के अंतिम श्वास तक
जीवन के अंतिम श्वास तक
करूंगा मैं युद्ध, अनवरत
धराशाई न हो जाए जब तक
असत्य की ईंटों से निर्मित तुम्हारा दुर्ग
असत्य की ईंटों से निर्मित तुम्हारा दुर्ग
घुटने न टिका दे जब तक
तुम्हारे असत्यों से पूजित शैतान
सचाई के फरिश्ते के सामने
हिला कर रख देने वाली कविता!!
जवाब देंहटाएंसच कहा है, जीत सच्चाई की ही होती है|
जवाब देंहटाएंdhraatl ke sach ko ujaagr krti rchnaa ke liyen bdhaia ......akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंकविता बहुत अच्छी है पर भट्ट साहब यही कविता दंगों के तुरंत बाद कह कर मोदी के खिलाफ बोलते तो उसकी बात कुछ और होती पर उनका देर से बोलना संदेह पैदा करता है|
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली रचना .....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको भाई जी !
कविता तो बहुत अच्छी है. लेकिन भट्ट साहब जैसे आईपीएस मुम्बई, मुरादाबाद, भरतपुर के दंगों में चुप ही रहेंगे, क्योंकि इधर बोलने से कुछ हासिल नहीं होता.
जवाब देंहटाएंअदभुत !
जवाब देंहटाएंगज़ब की अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंअनवरत चेतावनी...
कविता के शुरू के कुछ हिस्से तो सब कह जाते हैं। धन्यवाद इसे पढ़वाने के लिए।
जवाब देंहटाएंइस अद्भुत कविता के लिए शत-शत प्रणाम
जवाब देंहटाएंsahi kaha aapne... jeet sachaayi ki hi hoti hai...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सशक्त रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
शुक्रवार
जवाब देंहटाएंhttp://charchamanch.blogspot.com/