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गुरुवार, 15 सितंबर 2011

करूंगा मैं युद्ध, अनवरत

र्वोच्च न्यायालय के ताजा निर्णय के बाद छह करोड़ गुजरातियों के नाम खुली चिट्ठी लिखने वाले नरेन्द्र मोदी के नाम गुजराती आईपीएस अधिकारी संजीव राजेन्द्र भट्ट ने खुली चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी के अंत में भट्ट ने महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के अपने सहपाठी भूचुंग डी. सोनम की एक कविता उदृत की है। यहाँ उस कविता का हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत है ... 

करूंगा मैं युद्ध, अनवरत
  • भूचुंग डी. सोनम

मेरे पास सिद्धांत है, बल नहीं
तुम्हारे पास बल है, सिद्धांत कोई नहीं
तुम 
तुम हो, और मैं 
मैं हूँ
सुलह का कोई मार्ग नहीं  
उतरो मैदान में युद्ध के लिए
 
मेरे साथ सत्य है, कोई बल नहीं
तुम्हारे पास बल है, सत्य कोई नहीं
तुम 
तुम हो, और मैं 
मैं हूँ
सुलह का कोई मार्ग नहीं  
उतरो मैदान में युद्ध के लिए

तुम तोड सकते हो
मेरा सिर
फिर भी तैयार हूँ मैं युद्ध के लिए
 
तुम फो़ड़ सकते हो
मेरी हड्डियाँ
फिर भी तैयार हूँ मैं युद्ध के लिए
 
तुम मुझे जिंदा दफन कर सकते हो
फिर भी
तैयार हूँ मैं युद्ध के लिए

करूंगा मैं युद्ध
अपनी रगों में दौड़ते हुए सत्य के साथ 
 
करूंगा मैं युद्ध
सचाई के हर अंश के साथ 
 
करूंगा मैं युद्ध
जीवन के अंतिम श्वास तक

करूंगा मैं युद्ध, अनवरत
धराशाई न हो जाए जब तक
असत्य की ईंटों से निर्मित तुम्हारा दुर्ग

घुटने न टिका दे जब तक  
तुम्हारे असत्यों से पूजित शैतान  
सचाई के फरिश्ते के सामने 

13 टिप्‍पणियां:

  1. हिला कर रख देने वाली कविता!!

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  2. सच कहा है, जीत सच्चाई की ही होती है|

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  3. कविता बहुत अच्छी है पर भट्ट साहब यही कविता दंगों के तुरंत बाद कह कर मोदी के खिलाफ बोलते तो उसकी बात कुछ और होती पर उनका देर से बोलना संदेह पैदा करता है|

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  4. प्रभावशाली रचना .....
    शुभकामनायें आपको भाई जी !

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  5. कविता तो बहुत अच्छी है. लेकिन भट्ट साहब जैसे आईपीएस मुम्बई, मुरादाबाद, भरतपुर के दंगों में चुप ही रहेंगे, क्योंकि इधर बोलने से कुछ हासिल नहीं होता.

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  6. कविता के शुरू के कुछ हिस्से तो सब कह जाते हैं। धन्यवाद इसे पढ़वाने के लिए।

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  7. इस अद्भुत कविता के लिए शत-शत प्रणाम

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