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शुक्रवार, 1 अक्टूबर 2010

नाटककार और मार्क्सवादी चिंतक शिवराम नही रहे!!!

ख्यात जनवादी नाटक 'जनता पागल हो गई है' के नाटककार, कवि और मार्क्सवादी चिंतक 'शिवराम' का आज तीसरे पहर पौने तीन बजे कोटा में हृदयाघात से देहान्त हो गया। वे भारत की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (यूनाइटेड) के पोलिट ब्यूरो के वर्तमान सदस्य, दूरसंचार कर्मचारियों के नेता थे। साहित्य में उन का अपना विशिष्ठ स्थान था। मेरा 1975 से आज तक साथ बना रहा। अचानक इस समाचार से व्यथित हूँ। इस लिए अधिक कुछ बता पाने में असमर्थ भी। उन के निवास के लिए निकल रहा हूँ। उन की अंत्येष्टी दिनांक 2 अक्टूबर 2010 को सुबह नौ बजे के बाद कोटा में संपन्न होगी। जिस के संबंध में अद्यतन सूचना अनवरत पर कुछ घंटों के बाद प्रस्तुत कर दी जाएगी।

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत दुखद समाचार है। उनकी आत्मा की शान्ति के लिये दुया है उन्हें विनम्र श्रद्धाँजली।

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  2. आपको यह दुख सहन करने की शक्ति मिले,प्रार्थना है।आपके माध्यम से ही उनके काम की झलकी मिली थी।

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  3. ओह शिवराम जी के निधन पर मन संतप्त हुआ ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और हित जनों परिवार को इस अपूरणीय क्षति से उबारें !

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