एक इंजिनियर पाँच वर्ष पूर्व कंप्यूटर ले कर अपने गाँव जा बसा। इस लक्ष्य को ले कर कि वह अपने गाँव को बदलने से अपने अभियान को आरंभ करेगा। कंप्यूटर के उपयोग से पहली समस्या आरंभ हुई। गाँव में वैध बिजली कनेक्शन नाम के थे। नतीजा ये कि वोल्टता 230 के स्थान पर 50 से 100 ही रहती थी। इस वोल्टता पर तो कंप्यूटर काम नहीं कर सकता था। उन्हों ने बिजली विभाग से अपना काम आरंभ किया। बिजली विभाग चेता तो उस ने गाँव में बहुत लोगों के अवैध कनेक्शनों को हटाया, उन के विरुद्ध कार्यवाही की। नतीजा यह कि गाँव में बिजली की वोल्टता का संकट सुलझा। लेकिन जिन लोगों को वैध कनेक्शन हटाने पड़े वे शत्रु हो गए। गाँव में वोल्टता में सुधार के कारण बहुत से लोग इस इंजिनियर के समर्थक भी बने। इन इंजिनियर साहब ने गाँव में अन्य सुधार के काम भी किए।
गाँव में गुंडों की एक गेंग भी है, जिसे ये सुधार के काम परेशान करते हैं। ये ही वे लोग हैं जो गाँव की पंचायत चुनाव में हावी रहते हैं और किसी भी तरह से पंचायत पर कब्जा कर लेते हैं। इंजिनियर के कामों से गाँव के लोगों में यह चर्चा हुई कि इस बार प्रधान उन्हें बनाया जाए। इंजिनियर साहब तैयार भी हो गए और गाँव वालों ने कानों-कान उन का प्रचार भी आरंभ कर दिया। खुद इंजिनियर साहब के मुताबिक गाँव के सत्तर प्रतिशत लोग उन्हें प्रधान बनाना चाहते हैं। इस आलम को देख कर गुंडा गेंग परेशान हो उठी। उस ने इंजिनियर साहब को परेशान करना आरंभ कर दिया, जिस से वे गाँव छोड़ दें। जब साधारण कार्यवाहियों से काम न चला तो गुंडों ने इन पर हमला कर दिया। ये पुलिस के पास पहुँचे, गाँव के लोगों का प्रतिनिधि मंडल ले कर भी मिले। लेकिन पुलिस ने कार्यवाही नहीं की। कारण कि गुंडों की गेंग के पुलिस से गहरे रिश्ते हैं और क्षेत्र के विधायक से भी। खुद विधायक ने इन के मामले में कार्यवाही न करने का निर्देश पुलिस को दे दिया है।
इस तरह एक बहुत छोटे स्तर पर व्यवस्था में परिवर्तन की कोशिश पर भी व्यवस्था ने (गुंडे, पुलिस और राजनेता) सीधे हिंसा का प्रयोग किया है। इस का प्रतिरोध आवश्यक है। इस के लिए इंजिनियर साहब को गाँव के सुधार और विकास के समर्थकों को संगठित करना पड़ेगा, हिंसा का मुकाबला करने के लिए भी तैयार करना पड़ेगा।
ये इंजिनियर साहब और कोई नहीं, हिन्दी ब्लाग मेरा गाँव मेरा देश के ब्लागीर राम बंसल हैं, आप उन की आप बीती जानने के लिए उन के ब्लाग की ताजा पोस्ट गुंडागर्दी और पुलिस की लापरवाही पर जा कर पढ़ सकते हैं। मेरा मानना है कि समाज में राम बंसल जी के सकारात्मक प्रयासों के कारण उन पर हुए इन हिंसक हमलों के विरुद्ध तमाम हिन्दी ब्लागीरों को समुचित कार्यवाही करनी चाहिए। कम से कम इलाके के पुलिस अधीक्षक को इस घटना के अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए ई-मेल करना चाहिए साथ ही राम बंसल जी को सुरक्षा प्रदान करने की मांग भी करनी चाहिए।
मायावती का राज है दिवेदी साहब , और शीघ्र ही वह दिल्ली और पूरे देश में भी वही सब करने के सपने सजों रही है !और मेरी तो भगवान् से प्रार्थना है कि वह दिन भी जल्दी आये क्योंकि क्यापता २०१२ की माया कलेंडर सच निकल जाए !
जवाब देंहटाएंराम बंसल जी के कार्य की मुक्त कंठ से प्रशंसा करनी चाहिए और उनके नव जागरण लाने के उद्देश्य को क्षति पहुंचाने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाई की मांग करनी चाहिए, जिस से और लोग भी उनसे प्रेरणा ले गाँवों में सुधार का संकल्प ले सकें
जवाब देंहटाएंइतना महान उद्देश्य है तो संकट आयेंगे ही। खैर गुंडागर्दी की भर्त्सना करता हूँ। पुलिस सत्य का साथ दे यही ईश्वर से कामना करता हूँ।
जवाब देंहटाएंदुर्भाग्यपूर्ण ....
जवाब देंहटाएंओह, खेदजनक।
जवाब देंहटाएंहम तो भुक्तभोगी हैं इस प्रकार के सारे हथकंडों के (एक बार आपसे सहयोग की अपेक्षा भी की थी)।
एक सही करने वाले या धूर्तों के गढ़ के चोर दरवाजों में सेंध लगा सकने वाले से लोग कैसे शत्रुता निकालते हैं, यह अनादि व्यथा है। उन्हें चाहिए वे परिवार के लोगों विशेषकर महिलाओं, बच्चों की सुरक्षा के प्रति जरा सतर्क गम्भीर हो जाएँ, क्योंकि पुलिस व गुंड़े "कुछ भी करने में" स्वतंत्र होते हैं।
ओह, खेदजनक।
जवाब देंहटाएंहम तो भुक्तभोगी हैं इस प्रकार के सारे हथकंडों के (एक बार आपसे सहयोग की अपेक्षा भी की थी)।
एक सही करने वाले या धूर्तों के गढ़ के चोर दरवाजों में सेंध लगा सकने वाले से लोग कैसे शत्रुता निकालते हैं, यह अनादि व्यथा है। उन्हें चाहिए वे परिवार के लोगों विशेषकर महिलाओं, बच्चों की सुरक्षा के प्रति जरा सतर्क गम्भीर हो जाएँ, क्योंकि पुलिस व गुंड़े "कुछ भी करने में" स्वतंत्र होते हैं।
बहुत बुरी खबर है, कुछ अच्छा करने वाले के साथ इस प्रकार की हरकत होने की सम्भावना हमेशा ही होती है।
जवाब देंहटाएंराम बंसल जी को नैतिक समर्थन तो है ही, कृपया उनका ईमेल, सम्बन्धित जिले के कलेक्टर और एसपी का ईमेल और डाक पता भी प्रकाशित करें।
सभी ब्लॉगरों से अनुरोध है कि इस घटना का यथासम्भव विरोध करें…
ब्लोगजगत में मौजूद मिडिया वालों को यह मामला बड़े व्यापक स्तर पर उठाना चाहिए |
जवाब देंहटाएंराम बंसल जी बहुत अच्छा काम कर रहे है, अगर इन का नाम पतापुरा दे तो मै यहां से प्रधान मत्री ओर राष्ट्र पति को भी ई मेल कर सकता हुं, जिस मै इस पुलिस ओर इस बिधायक की काली करतुतो को भी लिखुंगा, वेसे यह काम भारत मै रहने वाले लोग भी करे तो देखे केसे नही सुनती यह सरकार, राम बसंल जी तो बहुत ही अच्छा काम कर रहे है, इसी तरह से कही से एक अच्छाई की चिंगारी फ़ुटेगी तभी यह देश सुधर सकता है, ओर हमे चाहिये कि अब इन चिंगारी को दवने ना दे, आप का धन्यवाद, ओर बसंल जी को प्राणम
जवाब देंहटाएंराम बंसल जी अडिग रहें, परेशानियों के बाद ही मंजिल मिलती है। परेशानी है इसका मतलब ही साफ है कि उनके कार्य से परिवर्तन हो रहा है। धीरे-धीरे सब उनके साथ आते जाएंगे, बस लोग डर के मारे साथ नहीं आ पाते। जैसे ही लोगों के दिलों का डर निकलेगा वे उनके साथ होंगे।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद. अभी उनके ब्लाग पर जाकर देखते हैं>..
जवाब देंहटाएंब्लोगेर को सामूहिक कदम उठाना चाहिए.
जवाब देंहटाएंयह केवल संघर्ष नहीं है और न ही केवल स्वप्न है । सुधार की जिनकी अपनी परिभाषा है वे किसी भी तरह नही चाहेंगे कि समाज मे यह परिवर्तन हो .इसके लिये सभी का साथ आना ज़रूरी है ।
जवाब देंहटाएंयह केवल संघर्ष नहीं है और न ही केवल स्वप्न है । सुधार की जिनकी अपनी परिभाषा है वे किसी भी तरह नही चाहेंगे कि समाज मे यह परिवर्तन हो .इसके लिये सभी का साथ आना ज़रूरी है ।
जवाब देंहटाएंbansal ji ka kary sarahniya hai. aur is mudde par unhe pratadid karne ka mai virodh karta hu.
जवाब देंहटाएंapne star par sabse pahle yah jarur karunga ki unki ya aapki is post ko jarur mai apne akhbar me lunga jald hi blogkona me.....
दुखद है .....लगता है क़ानून का राज खत्म हुआ !
जवाब देंहटाएंदूसरे पक्ष को सद्बुद्धि मिले ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही दुखदपूर्ण घटना है. ऐसे समय पर हमें अपनी संवेदनाओं को मरने से बचाना आवश्यक है. मेरे विचार से ब्लोगर्स को मिल कर ऐसी हरकतों के खिलाफ सशक्त आवाज़ उठानी चाहिए.
जवाब देंहटाएंBehad sharmnaak.
जवाब देंहटाएंइस शर्मनाक घटना की तरफ़ ध्यान दिलाने के लिए शु्क्रिया। भगवान क्रे उन्हें जल्द ही कोई मदद मिल जाये
जवाब देंहटाएंवे स्वभाव से निडर लगते हैं ये एक अच्छी बात है , बाकि अपने कार्यक्षेत्र में अपना एक सहयोग तंत्र विकसित करके ही असामाजिक तत्वों को ललकारना चाहिए !
जवाब देंहटाएंउपरोक्त आलेख में एक क्षुद्र भूल है जो मेरे ही कारण ही है. सन्दर्भीत विधायक मेरे क्षेत्र का ना होकर पड़ोसी क्षेत्र का है. किंतु उसके विरुद्ध हमारे पास कोई प्रमाण नहीं है क्योंकि उसने पुलिस को निर्देश फ़ोन पर दिया था.
जवाब देंहटाएंमेरे संपर्क सूत्र हैं -
Ram Bansal
s/o Shree Karan Lal, a renowned Freedon Fighter
Telephone- 05734-279504
email- devsoofi@gmail.com
Address- Village & P.O. Khandoi,
Police Station- Narsena,
Subdivision- Siyana,
District- Bulandshahr.
Violent Person - Dharmendra s/o shree Raj Singh
Telephone numbers of district administration are -
जवाब देंहटाएंSSP, Bulandshahr 09454400253
CO, Siyana 0945401557
SO, Narsena 09454403155
हममें से हर कोई बंसलजी के साथ ही है। किन्तु हम सब उनसे कोसों दूर हैं जबकि उन्हें अपने साथ 'जन बल' चाहिए, वह भी तत्काल।
जवाब देंहटाएंएक आदमी से लडा जा सकता है किन्तु व्यवस्था से लडना बहुत-बहुत कठिन (लगभग प्राणलेवा) काम है।
जैसाकि भाई चिपलुनकरजी ने कहा है, वहॉं के कलेक्टर, एसपी आदि के ई-मेल पते मिलें तो बंसलजी के समर्थन में कुछ कहा जाए।
फिलहाल तो कीमत बंसलजी को ही चुकानी पडेगी।