आप अष्टछाप के कवियों कुम्भनदास (१४६८ ई.-१५८२ ई.), सूरदास (१४७८ ई.-१५८० ई.), कृष्णदास (१४९५ ई.-१५७५ ई.), परमानन्ददास (१४९१ ई.-१५८३ ई.), गोविन्ददास (१५०५ ई.-१५८५ ई.), छीतस्वामी (१४८१ ई.-१५८५ ई.), नन्ददास (१५३३ ई.-१५८६ ई.) और चतुर्भुजदास से अवश्य ही परिचित होंगे। इन में 'छीतस्वामी' स्वामी के वंश में प्रत्येक पीढ़ी में कम से कम एक वंशज कवि अवश्य ही हुआ है। इन्हीं के वंश में थे विश्वंभरनाथ चतुर्वेदी 'शास्त्री'। वे स्वातंत्र्य चेतना, जनतांत्रिक मूल्यों, और श्रम सम्मान के उन्नायक; शिक्षा, साहित्य व संस्कृति के साधक; और पेशे से अध्यापक थे। प्रतिवर्ष उन की स्मृति में एक समारोह का आयोजन मथुरा के उन के प्रेमी और प्रशंसक करते हैं। इस वर्ष भी उन का स्मृति समारोह 22 नवम्बर,2009 रविवार को का. धर्मेंद्र सभागार बिजलीघऱ केंट, मथुरा में अपरान्ह 2 बजे से आयोजित किया जा रहा है।
इस समारोह में मुख्य अतिथि साहित्यकार और समालोचक डॉ. जीवन सिंह हैं और अध्यक्षता डॉ. अनिल गहलोत कर रहे हैं। इस समारोह में कोटा से नाटककार-कवि शिवराम, दिल्ली से कवि रामकुमार कृषक, बड़ौदा से कवि डॉ. विष्णु विराट, जयपुर से कवि शैलेंद्र चौहान. रतलाम से कवि अलीक, दिल्ली से कवि रमेश प्रजापति और मथुरा से हनीफ मदार उपस्थित रहेंगे, समारोह का संचालन शिवदत्त चतुर्वेदी करेंगे। समारोह में एक परिचर्चा 'यह दौर और कविता' विषय पर होगी और महेन्द्र 'नेह' के काव्य संकलन 'थिरक उठेगी धरती' का लोकार्पण होगा। समारोह में सम्मिलित होने वालों के लिए रविकुमार (रावतभाटा) के कविता पोस्टरों की प्रदर्शनी बोनस होगी।
मैं ने आरंभ में ही कहा था कि छीत स्वामी के वंशजों की हर पीढ़ी में कोई न कोई कवि हुआ है। स्व. विश्वंभरनाथ चतुर्वेदी 'शास्त्री' की अगली पीढ़ी के कवि आप के चिर-परिचित महेन्द्र 'नेह' हैं जिन के काव्य संग्रह का लोकार्पण इस समारोह में होना है। मेरी इस समारोह में उपस्थित होने की अदम्य इच्छा थी, पिछले पूरे सप्ताह यात्रा पर होने और थकान व सर्दी के असर से पीड़ित होने से मैं स्वयं इस समारोह में उपस्थित नहीं हो पा रहा हूँ। लेकिन यह मथुरा और आस-पास के लोगों के लिए अनुपम अवसर है इस समारोह में उपस्थित होने और इन सभी साहित्यिक व्यक्तियों का सानिध्य प्राप्त करने का। आप सभी इस समारोह में सादर आमंत्रित हैं।
शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबेहतर...
जवाब देंहटाएंडॉ. जीवन सिंह डॉ. अनिल गहलोत नाटककार-कवि शिवराम, रामकुमार कृषक, कवि डॉ. विष्णु विराट, कवि शैलेंद्र चौहान. कवि अलीक, कवि रमेश प्रजापति हनीफ मदार इन सारे लोगो के नाम पढ़कर मन प्रसन्न हो गया महेन्द्र 'नेह' के काव्य संकलन 'थिरक उठेगी धरती' के लोकार्पण के इस अवसर पर उन्हे शुभकामनाये व बधाई रविकुमार (रावतभाटा) जी को भी बधाई । विश्वम्भर नाथ चतुर्वेदी जी के बारे मे जानकर भी अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जानकारी दी आप ने, सब को शुभकामानये
जवाब देंहटाएंबहुत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंइतने मनीषियों का एक मंच पर आना सुखद अनुभूति होगा...शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
वाह सर ...इसकी रपट भी पढने को मिलेगी न ...अजय कुमार झा
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र जी बेहद प्रिय कवि और गीतकार हैं . उन्हें नए काव्य संग्रह ’थिरक उठेगी धरती’ के प्रकाशन-लोकार्पण पर बहुत-बहुत बधाई !
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