- Hmmm,लगता है इन वकील लोगो के पास भी आजकल कोई काम नहीं , खामखा लोगो को डरा रहे है :)
कविता देखिए ...
काँईं डाग्दर, काँईं जोशी अर काँईं वकील
डरिया ने और डरावै
फेर डर सूँ खड़बा को गेलो बतावै
अर जे, अश्याँ न करे
तो आपणा घर का गबूल्या ही बकावै
हिन्दी रूपांतरण...
क्या डाक्टर, क्या ज्योतिषी और क्या वकील
डरे हुए को और डराए
फिर डर से निकलने का रास्ता बताए और,
जो ऐसा न करे तो,
खुद के घर के बिस्तर/कपड़े बेचे
- दिनेशराय द्विवेदी
वाह, वाह! [no further comments]
जवाब देंहटाएंसही है !!
जवाब देंहटाएंक्या डाक्टर, क्या ज्योतिषी और क्या वकील ( श्री दिनेश राय द्विवेदी को छोड़कर ) हा हा हा ।
जवाब देंहटाएं@शरद कोकास जी,
जवाब देंहटाएंक्या डाक्टर, क्या ज्योतिषी और क्या वकील ( श्री दिनेश राय द्विवेदी को छोड़कर )
की जगह क्या डाक्टर, क्या ज्योतिषी(संगीता पुरी को छोड़कर )और क्या वकील ( श्री दिनेश राय द्विवेदी को छोड़कर ) लिंखें .. ब्लाग जगत के बहुत सारे लोगों ने मुझसे व्यक्तिगत सलाह ली है .. किसी से पूछ लें यदि उन्हें डराया हो .. क्यूंकि मेरे द्वारा किसी कर्मकांड करवाने या रत्न धारण करवाने के बहाने कमीशन कमाने का लालच नहीं होता !!
Bahut acche.
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है, अजी क्या डरे हुये को डराये जो पहले ही डरा होता है, वही तो इन की शरण मै आता है... मजे दार जी, लेकिन मुझे ज्योतिष से कोई डर नही लगता, डाकटरो के पास इतना जा चुका की अब उन से भी डर नही लगता.... वकील से तो सच मै डर लगता है जी:)
जवाब देंहटाएंराज भाटिया जी हमेशा चुटकी ले ही लेते हैं :-)
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला
क्या कहने है वक़ील साहब!!!
जवाब देंहटाएंसही है...
जवाब देंहटाएंआज तो बिल्कुल सिक्सर ही मारा है.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
sसही ह्ै शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंतीनों से भगवान बचाये! :)
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