अभी अभी बेटी पूर्वाराय द्विवेदी से मुझे एक बधाई संदेश प्राप्त हुआ। जिस में मुझे कविन्द्र रविन्द्र रचित हमारे राष्ट्र-गान
" जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता"
को संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा
दुनिया का सर्वोत्तम राष्ट्र-गान घोषित किए जाने पर बधाई दी गई थी।
इस अवसर पर सभी देश वासियों को हार्दिक बधाई
हमें गर्व है, हम भारत वासी हैं!
भारत भाग्य विधाता
जवाब देंहटाएंजय हे
सभी देश वासियों को हार्दिक बधाई.
जय हिंद .बहुत बहुत बधाई सबको
जवाब देंहटाएंkyaa baat haen aesi baatey so apne esh par aur bji garv hota haen
जवाब देंहटाएंsab ko badhaaii
सभी देश वासियों को हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंहमारा राष्ट्र गीत या जॉर्ज पंचम का प्रशस्ति गान?
जवाब देंहटाएंहर देशप्रेमी भारतीय के लिये यह खुशखबरी है.
जवाब देंहटाएंआईए, सन 2020 से पहले हिन्दुस्तान को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने के लिये तन मन धन से जुट जाये!!
-- शास्त्री
-- बूंद बूंद से घट भरे. आज आपकी एक छोटी सी टिप्पणी, एक छोटा सा प्रोत्साहन, कल हिन्दीजगत को एक बडा सागर बना सकता है. आईये, आज कम से कम दस चिट्ठों पर टिप्पणी देकर उनको प्रोत्साहित करें!!
क्या यह सच है कि गुरूवर रविन्द्रनाथ टैगोर, जन गण मन के लेखक नहीं, गीतकार थे?
जवाब देंहटाएंइष्ट देव सांकृत्यायन जी का प्रश्न सामयिक है। तत्संबंध में अभय तिवारी जी पोस्ट काफी जिज्ञासायों का शमन करती है।
जवाब देंहटाएंलाखों तर्क और सबूतों के उपरांत भी जितना मैं ने गुरुदेव को जाना है उस के आधार पर नहीं मानता कि यह गीत किसी भी प्रकार से जार्ज पंचम की स्तुति हो सकता है।
जवाब देंहटाएंइस गीत की किसी भी विधि से टीका की जाए यह जार्ज पंचम की स्तुति नहीं हो सकता। गुरुदेव ईश्वर विश्वासी थे, इस बात को जान कर हम सोच सकते हैं कि गीत की रचना से लेकर अब तक कौन जन गण मन अधिनायक हो सकता है? यह सभी विचार करें, तो सही ज्ञान कर सकते हैं। कम से कम इतना तो कि यह गीत जार्ज पंचम के लिए लिखा नहीं हो सकता।
चिलचिलाती खबरों के बीच
जवाब देंहटाएंएक ठंडी हवा का झौंका।
जो भी हो आज यह हमारा राष्ट्र गान है -हमें इस पर गर्व है !
जवाब देंहटाएंSab ke liye garv ki baat hai. hamara rashtra gaan gaurav ke layak hai.
जवाब देंहटाएंऐसा संदेश तो मुझे भी मिला पर मुझे इसके सच होने पर शंका है... क्योंकि जहाँ भी मैंने देखा ये न तो किसी न्यूज़ एजेंसी की ख़बर है ना ही कोई यूनेस्को का आधिकारिक लिंक... ऐसे रयूमर्स फैलाने वालों की कमी नहीं. मुझे समझ नहीं आया की आख़िर किस आधार पर सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान चुना जा सकता है? हर देश के लिए उसका राष्ट्रगीत सर्वश्रेष्ठ नहीं होगा क्या? सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान चुनने जैसा विवादित काम काम यूनेस्को करेगा क्या?
जवाब देंहटाएंख़बर सच्ची हो या झूठी हमारे लिए तो सर्वश्रेष्ठ ही है... ख़बर से हमें क्या !
जननी जन्म भूमि स्वर्ग से महान हैः
जवाब देंहटाएंअरे भई, खुशी का मौका है..कम ही आता है..बधाई वधाई दो..छिद्रान्वेषण के मौके तो रोज आते हैं..उस समय सब चुप बैठ जाते हैं...
जवाब देंहटाएंसबको बहुत बहुत बधाई. गर्व करो कि हम भारतीय हैं!!!
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोसता हमारा...
जवाब देंहटाएंसर्वश्रेष्ट राष्ट्रगीत का चुनाव?!!
जवाब देंहटाएंआपको हम सब को बहुत साड़ी मुबारकबाद...दिल खुश कर दिया आपने..जितनी टेंस हो कर आई थी...उतना ही मन हल्का कर दिया आपने....थैंक्स थैंक्स
जवाब देंहटाएंगुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की यह अप्रतिम रचना है। और राष्ट्रगान की धुन बजने या राष्ट्रगान सुनने पर रोमान्च हो आता है - इस उम्र में, अब भी।
जवाब देंहटाएंइंटरनेट पर मनगढ़ंत और झूठी बातों को कैसे खबरों की तरह पेश किया जाता है, यह उसका जीता-जागता उदाहरण है। यूनेस्को के एक अधिकारी ने साफ कहा कि, 'यूनेस्को दुनिया भर के देशों का प्रतिनिधित्व करता है और इस तरह से किसी को कमतर या बेहतर आंकना उसका नाम नहीं है। यूनेस्को के लिए सभी देश बराबर हैं और सभी के राष्ट्रगान भी।'
जवाब देंहटाएंhttp://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3525657.cms
खेद है की आप उम्र के छठे दशक में भी अफवाहों पर न केवल भरोसा कर लेते हैं, बल्कि उन्हें क्रॉसचैक किए बिना ही प्रसारित कर जनता को भ्रमित भी करते हैं.
जवाब देंहटाएंकुछ इसी तरह का 'होक्स' मोबाइल कंपनियों, दैनिक भास्कर और सेवन वंडर्स फाउन्देशन ने 'आज नहीं तो ताज नहीं' कैम्पेन को देश की इज्ज़त, देशप्रेम के साथ जोड़कर खेला था. दुखद और शर्मनाक की आप वकील होते हुए भी इन 'ख़बरों' की असलियत समझने में नाकाम हैं!
यूनेस्को के आकलन के पैमाने क्या थे? किसी एक देश के राष्ट्रगीत की तुलना किसी दूसरे देश के राष्ट्रगीत से कैसे की जा सकती है? कुछ समझ में नहीं आया?
जवाब देंहटाएंजय हिंद .बहुत बहुत बधाई सबको
जवाब देंहटाएंसबको बहुत बहुत बधाई...जय हिंद
जवाब देंहटाएंमुझे तो मामला कुछ समझ नहीं आया....क्या वाकई यूनेस्को ने ऐसी घोषणा की है.
जवाब देंहटाएंयदि घोषणा का लिंक होता तो शायद विश्वास होता.
वैसे टैगोर की जीवनी मैंने पढ़ी है और इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि इस बात से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता कि उन्होंने ये गीत जॉर्ज पंचम की स्तुति में लिखा था....खैर जितने लोग उतने निष्कर्ष
बहरहाल आपको भी बधाई
ये तो बड़ी खुशी और गर्व की बात है ।
जवाब देंहटाएंसभी को बधाई !
आपको और बेटी को धन्यवाद इस ख़बर को यहाँ बांटने के लिए ।