अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शनिवार, 9 दिसंबर 2017
शट-अप
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एक सच्ची सी 'लघुकथा' ह मारे मुहल्ले की एक औरत बहुत लड़ाकू और गुस्सैल थी। अक्सर घर में सब से लड़ती रहती। सास, पति, ननद, देवर,...
मंगलवार, 5 दिसंबर 2017
किस का कसूर
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कविता किस का कसूर दिनेशराय द्विवेदी जब कोई अस्पताल मरीज के मर जाने पर भी चार दिनों तक वेंटिलेटर लगाकर लाखों रुपए वसूल लेता ह...
रविवार, 3 दिसंबर 2017
व्यायाम किया और दर्द गायब
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आ फिस मुश्किल से आधा किलोमीटर था, साथ में हमेशा बहुत सारी फाइल्स होने और रास्ते में ट्रेफिक न होने के कारण पैदल न जा कर अपनी एक्टिवा से जा...
मंगलवार, 12 सितंबर 2017
बौद्धिक जाम का इलाज : शारीरिक श्रम
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कु छ दिन पहले एक मुकदमा मुझे मिला। उस के साथ चार फाइलें साथ नत्थी थीं। ये उन संबंधित मुकदमों की फाइलें थीं पहले चल चुके थे। मैं ने उस फाइल...
सोने के अंडे देने वाली सुनहरी बत्तख
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आ ज शाम मैं ने काफी बनाई, मैं और मेरा क्लर्क दोनों पीने बैठे। अपार्टमेंट के चौकीदार का बेटा मेरे यहाँ टीवी पर कार्टून चैनल देख रहा था। ...
मंगलवार, 5 सितंबर 2017
कुटाई वाले गुरूजी
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पि ताजी अध्यापक थे, और तगड़ी कुटाई वाले थे। स्कूल में अक्सर उन के हाथ मे डेढ़ फुट लंबा काले रंग का डंडा हुआ करता था। पर वो डराने के लिए हो...
गुरुवार, 3 अगस्त 2017
“तेलुगू कहानी” गोर्की का पात्र
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“तेलुगू कहानी” गोर्की का पात्र वी. चंद्रशेखऱ राव अनुवादक - पी.वी. नरसा रेड्डी गो र्की की कहानी का अनुवाद कराकर दोगे न? वैसे तो आज...
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