अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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गुरुवार, 31 मई 2012
जनतंत्र का अव्वल नियम
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आ ज कल हर कोई डेमोक्रेसी, मतलब जनतंत्र के हाथ धो कर पीछे पड़ा रहता है। जैसे जनतंत्र न हुआ एवरेस्ट की चुटिया हो गया, जिस पर चढ़ना ब...
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मंगलवार, 29 मई 2012
पेट्रोल की साढ़े साती
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भा रत की जनता को जब जब भी चुनाव से निजात मिलती है, वह अपनी हालत के बारे में सोचने लगती है। जब जनता सोच...
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शुक्रवार, 25 मई 2012
थमा हुआ इंकलाब
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वि चित्र दृश्य हैं। रुपया गिर रहा है, लगातार गिर रहा है। कब तक गिरेगा? किसी को पता नहीं है। प्रणब दा कहते हैं कि उधर यूरोप में कि...
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सोमवार, 21 मई 2012
स्त्री के साथ छल से किया गया यौन संसर्ग पुलिस हस्तक्षेप लायक गंभीर अपराध नहीं
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पु लिस के सामने इस तरह के मामले अक्सर आते हैं जिन में किसी महिला द्वारा यह शिकायत की गई होती है किसी पुरुष ने उस के साथ विवाह करने का विश...
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शुक्रवार, 18 मई 2012
डर के जो हाँ भर रहा, वह भी घोंघा बसन्त
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घों घा एक विशेष प्रकार का जंतु है जो अपने जीवन को एक कड़े खोल में बिता देता है। इस के शरीर का अधिकांश हिस्सा सदैव ही खोल में बंद रहता ...
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गुरुवार, 10 मई 2012
न्याय की भ्रूण हत्या
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रा जस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आमिर खान का टीवी शो ‘सत्यमेव जयते’ पहले ही एपीसोड से हिट हो जाने के बाद आमिर से मिलने की आतु...
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शनिवार, 5 मई 2012
बोलने की हदें?
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ज नतंत्र है तो वाक स्वातंत्र्य भी। सब को अपनी बात कहने का अधिकार भी है। अब सरका...
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