अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 4 नवंबर 2011
इरोक्वाई बिरादरियाँ : बेहतर जीवन की ओर-10
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इ रोक्वाई गोत्र के सद्स्यों का कर्तव्य था कि वे एक दूसरे की मदद और रक्षा करें। सदस्य अपनी रक्षा के लिए गोत्र की शक्ति पर निर्भर करता था। ...
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गुरुवार, 3 नवंबर 2011
गोत्र आधारित समाज : बेहतर जीवन की ओर-9
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ल्यू इस एच. मोर्गन विशेष ज्ञान रखने वाले ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्हों ने मनुष्य के प्राक् इतिहास को एक निश्चित क्रम प्रदान करने का प्रयत्...
5 टिप्पणियां:
मंगलवार, 1 नवंबर 2011
राज्य पूर्व के समाज : बेहतर जीवन की ओर-8
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इ स श्रंखला के पिछले आलेख में मैं ने कहा था कि मनुष्य ने अपने जीवन के दो लाख वर्षों का लगभग 95 प्रतिशत काल बिना किसी राज्य व्यवस्था के बित...
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सोमवार, 31 अक्तूबर 2011
दीवाली खास क्यों?
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पि छले महीने कुछ निजि कारणों से अपनी ब्लागरी में व्यवधान आया। दीवाली का त्यौहार भी उन में से एक कारण था। बेटी और बेटा दोनों बाहर हैं, तो प...
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बुधवार, 19 अक्तूबर 2011
इंडिया अगेन्स्ट करप्शन को जनतांत्रिक राजनैतिक संगठन में बदलना ही होगा
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इं डिया अगेन्स्ट करप्शन की कोर कमेटी के दो सदस्यों पी वी राजगोपालन और राजेन्द्र सिंह ने अपने आप को टीम से अलग करने का निर्णय लिया है, उन...
16 टिप्पणियां:
शनिवार, 15 अक्तूबर 2011
राज्य, मनुष्य समाज से अलग और उस से ऊपर : बेहतर जीवन की ओर-7
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ह मने अब तक मानव समाज की जांगल-युग से राज्य के विकास तक की यात्रा का संक्षिप्त अवलोकन किया। हम जानते हैं कि पृथ्वी पर जैविक विकास के एक ...
6 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011
राज्य की उत्पत्ति : बेहतर जीवन की ओर -6
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अ ब तक हमने देखा कि किस तरह शिकार करते हुए पशुओं के बारे में अनुभव ने मनुष्य को पशुपालन की और धकेला और इसी पशुपालन ने मनुष्य समाज में दास ...
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