tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post860175706698844884..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: मैंने नहीं, तुमने बुलाया हैदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-69155927759459946642021-04-21T06:51:36.098+05:302021-04-21T06:51:36.098+05:30आज मुझे 2008-2011 का ब्लागिंग का दौर याद आ गया। तब...आज मुझे 2008-2011 का ब्लागिंग का दौर याद आ गया। तब अनवरत की हर पोस्ट पर दसियों टिप्पणियाँ हुआ करती थीं। बहुत दिनों बाद पोस्ट पर इतनी टिप्पणियाँ देख कर लगता है। राख के नीचे जीआग अभी शेष है, बस कुछ हवा चाहिए कुछ ईंधन, ज्वाला फिर से धधक उठेगी। <br />आप सभी टिप्पणीकारों का आभार!<br /> दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-54401313706845426602021-04-18T16:50:22.382+05:302021-04-18T16:50:22.382+05:30सटीक भावाभिव्यक्ति..
सच में..हमने दरवाजे नहीं खोल...सटीक भावाभिव्यक्ति.. <br />सच में..हमने दरवाजे नहीं खोले पर..<br />सुंदर।Pammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-17432879593622366192021-04-18T14:03:10.766+05:302021-04-18T14:03:10.766+05:30आदरणीय सर, बहुत ही सशक्त प्रहार इस कविता के द्वारा...आदरणीय सर, बहुत ही सशक्त प्रहार इस कविता के द्वारा जो हमारी आत्मा झकझोर देता है । सच है, हमने ही इसे बुलाया है और हमने ही इसे बढ़ने भी दिया। <br />हार्दिक आभार इस सुंदर रचना के लिए । <br />Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-59805041198724372512021-04-18T12:26:40.342+05:302021-04-18T12:26:40.342+05:30बिलकुल सही कहा आपने....हमने ही बुलाया है और हमारी ...बिलकुल सही कहा आपने....हमने ही बुलाया है और हमारी लापरवाहियों से ही ये पोषित भी हो रहा है ,सटीक चित्रण ,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-34515847706474973812021-04-18T09:51:25.597+05:302021-04-18T09:51:25.597+05:30अरे वाह ... आप कविता भी लिखते हैं ...पहली बार आपकी...अरे वाह ... आप कविता भी लिखते हैं ...पहली बार आपकी रची कविता पढ़ी वरना तो क़ानून की बातें ही पढ़ीं आपके ब्लॉग पर .... <br /><br />कुछ अतिथि बिना बुलाये ही आ जाते हैं ये उनमें से ही एक है और फिर जाने का नाम भी नहीं लेते ... सार्थक रचना . संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84867662705525786782021-04-17T21:45:16.181+05:302021-04-17T21:45:16.181+05:30जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना रविवार १८ अप्रैल २०२१ के...जी नमस्ते,<br />आपकी लिखी रचना रविवार १८ अप्रैल २०२१ के लिए साझा की गयी है<br /><a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> पर...<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं।<br />सादर<br />धन्यवाद।<br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.com