tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post8176422594733379604..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: स्वयं के प्रति क्रूरता को समाप्त करने की एक कोशिशदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-78897754629969792852011-07-19T04:28:02.431+05:302011-07-19T04:28:02.431+05:30गुरुवर जी, हमें सबसे पहले स्वयं खुद के उपर हो रही ...गुरुवर जी, हमें सबसे पहले स्वयं खुद के उपर हो रही क्रूरता रोकना होगा. तब ही किसी और को सुधारने की कोशिश करें. आपकी बात सही है. पहले खुद को सुधारों, फिर समाज को सुधारों. तब उसके बाद देश को सुधारने के लिए कदम बढ़ा दो. <br /> आपके इस जनांदोलन में आपका नाचीज़ शिष्य आपके साथ है. आज हमारे देश कुछ ऐसे सड़े-गले कानून है. जिनकों अपराधों के आधुनिक हो जाने से उनकी जांच के लिए आधुनिक संचार माध्यमों को प्रयोग में लाना होगा.<br /> अगर मेरे द्वारा उपरोक्त समस्या के लिए कहीं पत्र लिखने से या सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन डालने से कुछ फर्क पड़ता हो. तब नि:संकोच बताये और ईमेल लिखे. गुरुवर जी, पता नहीं यह पोस्ट कैसे छूट गई थीं, क्षमा करें.रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीकhttps://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-8140708469740865552011-07-14T14:27:34.110+05:302011-07-14T14:27:34.110+05:30कोटा में कोट, वह भी गर्मी में। बहुत नाइन्साफी है।...कोटा में कोट, वह भी गर्मी में। बहुत नाइन्साफी है।जीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-66096034500610543772011-07-14T14:09:19.343+05:302011-07-14T14:09:19.343+05:30क्यों न इस ब्रिटिश पहरावे को बदल दें और अपनी काली ...क्यों न इस ब्रिटिश पहरावे को बदल दें और अपनी काली छवी को उजली कर लें :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-83459623113901369072011-07-14T10:02:47.241+05:302011-07-14T10:02:47.241+05:30आपने बहुत सही निर्णय लिया है !
पहल करना हर किसी ...आपने बहुत सही निर्णय लिया है ! <br /><br />पहल करना हर किसी के बस की बात नहीं है यही कारण है कि नेतृत्व की कमी हमेशा दिखाई देती है ! <br /><br />आप काला कोट का विरोध करें कम से कम गर्मीं के दिनों में यह नहीं होना चाहिए न वकीलों के लिए और न ही जजों के लिए !<br /><br />हार्दिक शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-25336828950075126272011-07-14T10:01:56.675+05:302011-07-14T10:01:56.675+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-73679046450220287682011-07-14T09:55:40.479+05:302011-07-14T09:55:40.479+05:30मोसम के अनुरूप ही पहनावा होना चाहिए तभी सही रहता ह...मोसम के अनुरूप ही पहनावा होना चाहिए तभी सही रहता हैDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-29473123111507425162011-07-14T09:29:44.122+05:302011-07-14T09:29:44.122+05:30बातें, जमाने से हो रही हैं, वकील परिचितों से पूछने...बातें, जमाने से हो रही हैं, वकील परिचितों से पूछने पर वे कहते हैं, धीरे से आदत बन जाती है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-91858610467321959492011-07-14T07:18:16.609+05:302011-07-14T07:18:16.609+05:30तब आप में और मुवक्किल मुलाजिम और मुलजिम में कैसे ...तब आप में और मुवक्किल मुलाजिम और मुलजिम में कैसे फर्क नजर आएगा ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-47381672808554786952011-07-14T06:58:48.931+05:302011-07-14T06:58:48.931+05:30गर्मी मैं तो कपडे भी परेशान करते हैं. भाई मैं तो क...गर्मी मैं तो कपडे भी परेशान करते हैं. भाई मैं तो काले कोट के खिलाफ नहीं<br />हाँ गर्मी का कोई हल अवश्य निकालना चाहिए . यदि काले कोट का पहनने का कानून बनाया है तो वकीलों के लिए एयर कंडिशन हॉल का भी इंतज़ाम किया जाना चाहिए.S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-35822294742517527812011-07-14T06:51:21.021+05:302011-07-14T06:51:21.021+05:30दूसरों को न्याय दिलाने वालों को खुद न्याय नहीं मिल...दूसरों को न्याय दिलाने वालों को खुद न्याय नहीं मिल रहा|<br />आपका प्रयास सफल हो यही कामना है|Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-87628101741271546132011-07-14T06:30:21.929+05:302011-07-14T06:30:21.929+05:30यही हाल टीटी का है, गर्मियों में काला कोट। देश, का...यही हाल टीटी का है, गर्मियों में काला कोट। देश, काल के अनुसार पहनावा हो तो ही उचित।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-88144568796394369992011-07-14T03:20:38.536+05:302011-07-14T03:20:38.536+05:30आपका प्रयास सफल हो इसके लिए शुभकामनाएं.आपका प्रयास सफल हो इसके लिए शुभकामनाएं.Rangnath Singhhttps://www.blogger.com/profile/01610478806395347189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-224533819324150522011-07-14T01:28:12.259+05:302011-07-14T01:28:12.259+05:30अभी तक अंग्रेजों की लालकिताब के भरोसे ही चल रहे है...अभी तक अंग्रेजों की लालकिताब के भरोसे ही चल रहे हैं।<br />भारत के मौसम के अनुरुप ड्रेस कोड लागु होना ही चाहिए।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-66743552280182277482011-07-14T00:33:21.214+05:302011-07-14T00:33:21.214+05:30अद्भुत फैसला! मै तो बहुत खुश हुआ। बस दुख है कि भार...अद्भुत फैसला! मै तो बहुत खुश हुआ। बस दुख है कि भारत आजादी के 64 साल बाद भी ऐसे नियम-कानूनों को पाले हुए है। इसे हटाना एकदम आवश्यक है। आप पहल करते हैं तो बड़ी सुन्दर और प्रभावी बात होगी। और लोगों से सहायता मिलेगी, ऐसा सोचता हूँ।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.com