tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post810915621126894354..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: सरकारें अपनी ही जनता की सुरक्षा में नाकाम क्यों रहती हैं?दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-64799549120844342632011-07-16T17:37:28.274+05:302011-07-16T17:37:28.274+05:30आपकी रचना अच्छी है।
आपसे सहमत हूं।
संगीन सूरते-हाल...आपकी रचना अच्छी है।<br />आपसे सहमत हूं।<br />संगीन सूरते-हाल है.<br /><a href="http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/ghaddar.html" rel="nofollow">ग़द्दारों से पट गया हिंदुस्तान Ghaddar </a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-66685995863444942472011-07-15T17:01:18.983+05:302011-07-15T17:01:18.983+05:30बंगाल में सरकार बदल गई तो बंगाल की खाडी में हलचल ह...बंगाल में सरकार बदल गई तो बंगाल की खाडी में हलचल होना ही था :)<br />आतंकी हमले कैसे रुकेंगे जब हम धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते रहेंगे :(चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-66948293982784587522011-07-15T10:39:50.269+05:302011-07-15T10:39:50.269+05:30हमला रोकने में नाकाम नहीं है सरकारे वो तो हमला रोक...हमला रोकने में नाकाम नहीं है सरकारे वो तो हमला रोकने के लिए ढंग का कुछ कर ही नहीं रही है सिवाए सुरक्षा के नाम पर बेकार के उपकरण खरीद कर घोटाले करने के |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-76622181685987279492011-07-15T10:27:46.538+05:302011-07-15T10:27:46.538+05:30ताली दोनों हाथों से बजती है
अकेली सरकार क्या कर ले...ताली दोनों हाथों से बजती है<br />अकेली सरकार क्या कर लेगीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-58474981308115376962011-07-15T08:29:41.429+05:302011-07-15T08:29:41.429+05:30बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ||
जबतक उचित प्रत्युत्तर
...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ||<br />जबतक उचित प्रत्युत्तर <br />देने की मानसिकता नहीं बनेगी--<br />परेशानी बढ़ेगी ||<br />कीड़े-मकोड़ों से बचकर भोजन करना है<br />तो दिन में ही कर लेने में ही बुद्धिमानी है |<br />उत्पातियों से अपनी रक्षा करनी है <br />तो स्वयं सिद्ध होना होगा ||<br /><br /><br /> हर-हर बम-बम <br />बम-बम धम-धम |<br /><br />थम-थम, गम-गम,<br />हम-हम, नम-नम|<br /><br />शठ-शम शठ-शम<br />व्यर्थम - व्यर्थम |<br /><br />दम-ख़म, बम-बम, <br />तम-कम, हर-दम |<br /><br />समदन सम-सम,<br />समरथ सब हम | समदन = युद्ध<br /><br />अनरथ कर कम <br />चट-पट भर दम |<br /><br />भकभक जल यम <br />मरदन मरहम || <br />राहुल उवाच : कई देशों में तो, बम विस्फोट दिनचर्या में शामिल है |रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-15164655085135826132011-07-15T08:27:20.105+05:302011-07-15T08:27:20.105+05:30सही कह रहे हैं ,सभी को जागना होगा.सही कह रहे हैं ,सभी को जागना होगा.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-64860106989947362272011-07-15T06:42:17.917+05:302011-07-15T06:42:17.917+05:30जब तक स्रोत पर जोर नहीं डाला जायेगा, आतंकवाद रिसता...जब तक स्रोत पर जोर नहीं डाला जायेगा, आतंकवाद रिसता रहेगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43584336186938998472011-07-15T06:24:11.084+05:302011-07-15T06:24:11.084+05:30मरने की भी फुर्सत कहां और परवाह न जाने किसे है, कि...मरने की भी फुर्सत कहां और परवाह न जाने किसे है, किसे नहीं.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-15688591492679295072011-07-15T05:30:07.385+05:302011-07-15T05:30:07.385+05:30अब तो जी बचने का एक ही तरीका है कि कसाब वाले कर्म ...अब तो जी बचने का एक ही तरीका है कि कसाब वाले कर्म शुरू कर दो। गारण्टी है कि सरकार हमें ऐसी सुरक्षा देंगी कि ऊपर वाला भी बाल बांका नहीं कर सकेगा।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-55849043445483988392011-07-15T05:15:46.073+05:302011-07-15T05:15:46.073+05:30खुफ़िया विभाग और सुरक्षा तंत्र कमजोर नहीं लापरवाह ...खुफ़िया विभाग और सुरक्षा तंत्र कमजोर नहीं लापरवाह हैं। अभी कल एक मंत्री मर जाए तो सिर पर आसमान उठा लिया जाएगा लेकिन मरने के लिए पहले सीट बुक है और भगवान जी लोगों को जीवन्मुक्त बना रहे हैं। पहले यह मृत्यु नहीं होती थी। <br /><br />राहुल, मनमोहन जैसे विदेशी और भारतद्रोही लोग देश के प्रधान बने हैं है और गदहों से भी गए गुजरे बयान देते हैं।<br /><br />लेकिन इस जनता को भरोसे के काबिल माने कौन? जो पिछले दशकों से ठगी जा रही है और वह भी खुद के सहयोग से। <br /><br />चिदम्बरम तो हैं ही महान! इन सारे लोगों को कहने के लिए शब्द लोग खुद ढूंढ लेंगे। <br /><br />अब तो फिर इन्तजार करना होगा कि अगला धमाका कहाँ होता है, क्योंकि हम और आप रोक नहीं सकते हैं और जिन्हें यह करना है वे भांग खाकर सोए हुए हैं।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-70315439280506519352011-07-15T05:01:29.475+05:302011-07-15T05:01:29.475+05:30खबर तो बुरी है। लेकिन यह सौ प्रतिशत गलत नहीं है कि...खबर तो बुरी है। लेकिन यह सौ प्रतिशत गलत नहीं है कि सभी हमलों को रोका नहीं जा सकता। हाँ, निश्चित रूप से हमले को टाला जा सकता है अगर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो। लेकिन हम सरकार को चमत्कारी और सर्वशक्तिमान नहीं कह सकते। वैसे भी दुष्टों को अपनी सुरक्षा में कोई कटौती नहीं हो सकती।<br /><br />मरता कौन है? मरते तो लोग हैं। कोई नेता थोड़े मरता है, कोई बड़ा उद्योगपति भी नहीं मरता। कहके क्या करेंगे? मुंबई धमाकों से सचिन और लता रोते हैं लेकिन ये सब क्षेत्रीयता का परिचय देते हैं। मुझे याद है कि लता मंगेशकर का बयान था कि वे 300 बार रोईं। लेकिन जब बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा था, तब कहाँ थीं ये और कहाँ था तब सचिन?<br /><br />लेकिन हम क्षेत्रीयता से दूर रहें। सरकार तो जवाब देगी नहीं क्योंकि उसे पिछले 200 सालों से एक ही आदत है, बस एक आयोग या समिति गठित करना और मामले को दस साल खींचना।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-87610850388877628042011-07-15T02:01:18.495+05:302011-07-15T02:01:18.495+05:30गुरुवर जी, आपने सोलह आने सच बात लिखी है कि-न तो जन...गुरुवर जी, आपने सोलह आने सच बात लिखी है कि-न तो जनता सरकार पर विश्वास करती है औऱ न ही सरकारें जनता के नजदीक हैं। हमारी सरकारें पिछले कुछ दशकों में जनता से इतना दूर चली गई हैं कि वे ये भरोसा कर ही नहीं सकतीं कि वे सारे आतंकवादी हमलों को रोक सकती है और जनता को संपूर्ण सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं। सरकारी दलों का रिश्ता जनता से केवल वोट प्राप्त करने भर का रह गया है। यह जनता खुद भली तरह जानती है और इसी कारण से वह सरकारों पर विश्वास नहीं करती। हमें स्वयं ही आपके अंतिम पैराग्राफ में सुझाये उपाय को अपनाना होगा.<br /><br />दिल्ली की जैन स्थानकों में आज से चार्तुमास आरम्भ हुआ है और मेरे पिताजी जल भी ग्रहण नहीं करते थें.अब आज से मेरी मम्मी ने सूर्य अस्त होने से पहले खाना शुरू कर दिया है. मेरे आज ही आठ दिन के व्रत, "काश्ना" खत्म हुआ है और सुबह सूर्य उदय होने पर खोला जाएगा. मैं अपने अनुभव बता हूँ कि-पिछले तीन-चार दिन से मैं खुद सूर्य अस्त होने से पहले अंतिम बार उबालकर ठंडा किया हुआ पानी पीना भूल जाता था और फिर मुझे कभी प्यास का अहसास भी नहीं हुआ.बल्कि कल तो मैंने 22 घंटे बाद पानी का सेवन किया था और परसों 17 घंटे बाद. <br /><br />गुरुवर जी, आप चिंता न करें. आपके स्वास्थ्य को कुछ नहीं होने वाला है और भगवान महावीर स्वामी की कृपया आप पर बनी रहेगी. आपके स्वास्थ्य की रक्षा अब खुद भगवान करने वाले है. अगर आपके पास हर रोज मात्र ग्यारह मिनट हो तो एक माला (जिसमें 108 मनके होते है) नमोकार महामंत्र(जिसमें पांच लाइन होती है उनको पढ़ने के बाद एक मनका छोडना होता है) की करने लग जाए. तब अगर आपके शरीर में जादू सा न होने लगे तो आप अपना दिल-ए -हाल ब्लॉग पर लिखना. आप पहले से ज्यादा स्वस्थ महसूस करेंगे ऐसा मेरा विश्वास है.रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीकhttps://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.com