tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post6520956533519801721..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: गोल बनाओ फिर से जाओदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-68435372582620145572010-08-30T22:39:43.157+05:302010-08-30T22:39:43.157+05:30इस कविता के पाठ की ध्वनि बारिश की ध्वनि की तर्ह लग...इस कविता के पाठ की ध्वनि बारिश की ध्वनि की तर्ह लगती हैशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-42866596176966684662010-08-06T11:15:15.349+05:302010-08-06T11:15:15.349+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति....बादलों को भी प्रेरणा दे द...बहुत सुन्दर प्रस्तुति....बादलों को भी प्रेरणा दे दी की कैसे धरती को हरी बनाओ...गोल बनाओ फिर से जाओ ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-59496927241487603502010-08-06T04:08:00.951+05:302010-08-06T04:08:00.951+05:30सच में बहुत तपी है धरासच में बहुत तपी है धराKavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-37286172093434188342010-08-06T01:36:59.469+05:302010-08-06T01:36:59.469+05:30इस बार आपके लिए कुछ विशेष है...आइये जानिये आज के च...इस बार आपके लिए कुछ विशेष है...आइये जानिये आज के चर्चा मंच पर ..<br /><br />आप की रचना 06 अगस्त, शुक्रवार के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपने सुझाव देकर हमें प्रोत्साहित करें.<br />http://charchamanch.blogspot.com <br /><br />आभार <br /><br />अनामिकाअनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-7602477472649066322010-08-05T22:08:18.367+05:302010-08-05T22:08:18.367+05:30रिमझिम बरसती कविता पढ़कर मेघों अब तो बरस जाओ।रिमझिम बरसती कविता पढ़कर मेघों अब तो बरस जाओ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-72946867123431468062010-08-05T21:52:17.310+05:302010-08-05T21:52:17.310+05:30अति सुंदर गीत.
रामरामअति सुंदर गीत.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16112117971726713172010-08-05T20:48:28.325+05:302010-08-05T20:48:28.325+05:30बरसात के मौसम में बढ़िया वर्षा गीत लिखा है आपने , ...बरसात के मौसम में बढ़िया वर्षा गीत लिखा है आपने , शुभकामनायें सरदारSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86840943716351933432010-08-05T18:00:11.751+05:302010-08-05T18:00:11.751+05:30बहुत ही सुन्दर कविता।बहुत ही सुन्दर कविता।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-54249217579025010462010-08-05T14:24:41.877+05:302010-08-05T14:24:41.877+05:30बहुत अच्छी लगी यह कविता और मेघों को दिया गोल बनाने...बहुत अच्छी लगी यह कविता और मेघों को दिया गोल बनाने का फॉर्मूला भी।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-80597269588413599552010-08-05T13:36:55.642+05:302010-08-05T13:36:55.642+05:30अच्छी कविता !अच्छी कविता !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90717939547981420762010-08-05T07:00:40.577+05:302010-08-05T07:00:40.577+05:30खूब झमाझम
जा कर बरसो
वसुंधरा का
तन-मन सरसो
वे माने...खूब झमाझम<br />जा कर बरसो<br />वसुंधरा का<br />तन-मन सरसो<br />वे माने तब न ? पूरे विद्रोह पर हैं वो ..अब इंद्र वज्र प्रहार करेगें ?<br />सरसों के बजाय हरषो कर दें तो ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90101667333332459682010-08-05T06:48:21.284+05:302010-08-05T06:48:21.284+05:30बाऊ जी,
नमस्ते!
अच्छा फ़ॉर्मूला बताया है आपने! एकत...बाऊ जी,<br />नमस्ते!<br />अच्छा फ़ॉर्मूला बताया है आपने! एकता में शक्ति.....सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23588850641450050352010-08-05T02:17:38.124+05:302010-08-05T02:17:38.124+05:30बहुत तपी है
प्रिया तुम्हारी
और तनिक भी
मत तरसाओ
बह...बहुत तपी है<br />प्रिया तुम्हारी<br />और तनिक भी<br />मत तरसाओ<br />बहुत सुंदर कविता, कवि ने कविता मै ही शीतला डाल दी, धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com