tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post6454901295044712036..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: संक्रमण, लालगढ़ और.... चलिए छोड़िए, आप तो गाना सुनिए....दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-74289698632537042402009-06-24T13:11:36.567+05:302009-06-24T13:11:36.567+05:30TAZA KHABAR: nal ka pani peene se gwalior main kai...TAZA KHABAR: nal ka pani peene se gwalior main kai mare,kai asptal main jindagi aour maot se jujh rahe hain........cartoonist anuraghttps://www.blogger.com/profile/11404227634579434765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82532056829788742422009-06-24T02:10:59.639+05:302009-06-24T02:10:59.639+05:30शहर , पानी और जीवन से जुडे सँघर्ष
सभी साकार हो गय...शहर , पानी और जीवन से जुडे सँघर्ष<br /> सभी साकार हो गये इस पोस्ट मेँ <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-3444027693157841662009-06-24T00:27:58.957+05:302009-06-24T00:27:58.957+05:30गीत ही सुन लेता हूँ.गीत ही सुन लेता हूँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-41731878281235281902009-06-23T23:12:03.550+05:302009-06-23T23:12:03.550+05:30जाने वो कैसे लोग थे जिनको नल का पानी मिला...जाने वो कैसे लोग थे जिनको नल का पानी मिला...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-77328105882994039252009-06-23T23:00:10.268+05:302009-06-23T23:00:10.268+05:30ऐसे नल पहले लुधियाना में भी देखें हैं मैने। अब पता...ऐसे नल पहले लुधियाना में भी देखें हैं मैने। अब पता नहीं, हैं या नहीं।<br /><br />इस सदाबहार गीत का भावार्थ बढ़िया हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-24522806016648382252009-06-23T22:42:45.138+05:302009-06-23T22:42:45.138+05:30ओह ! अनमोल गीत ! आपके जमाने में भी इसे पसंद करने ...ओह ! अनमोल गीत ! आपके जमाने में भी इसे पसंद करने वाले लोग थे. :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-71167167412376784762009-06-23T22:35:42.228+05:302009-06-23T22:35:42.228+05:30आपका सार्वजनिक नल ,वाह क्या कहनें इन्हें देख कर ही...आपका सार्वजनिक नल ,वाह क्या कहनें इन्हें देख कर ही पानी पीने का मन हो आया .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90768234092306332382009-06-23T22:05:33.921+05:302009-06-23T22:05:33.921+05:30@ P.N. Subramanian
जी कुछ बरस पहले तक तो इक्का दुक...@ P.N. Subramanian<br />जी कुछ बरस पहले तक तो इक्का दुक्का पुराने नगर में दिखाई पड़ते थे। पर अब तो लगता है स्मेकचियों ने उन्हें नही छोड़ा। अब सार्वजनिक नल नगर में नहीं हैं। कहीं कच्ची बस्तियों में इक्का दुक्का जरूर लगे हैं। बाजार मे चाय पान की दुकानों वालों ने अपने कनेक्शन ले कर नल खुले में लगा रखे हैं वे ही सार्वजनिक नल की भूमिका अदा कर रहे हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-74756145724128862832009-06-23T21:46:35.029+05:302009-06-23T21:46:35.029+05:30सार्वजनिक नल का जो चित्र आपने दिया है, क्या ऐसेवाल...सार्वजनिक नल का जो चित्र आपने दिया है, क्या ऐसेवाले कोटा में अब भी लगे हैं? बहुत ही सुन्दर होते थे. हमें बचपन याद आ गया जब ऐसे नालों में पानी पिया करते थे. प्यासा का गीत तो लाजवाब है. माउथ ओरगन में अच्छा बजता था. आभारP.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43184757370424896002009-06-23T21:12:27.610+05:302009-06-23T21:12:27.610+05:30@सागर भाई,
आप ने बता कर सही किया। वाकई गलत कोड लगा...@सागर भाई,<br />आप ने बता कर सही किया। वाकई गलत कोड लगा था। अब सही कर दिया गया है। आप देख लें। कुछ भी कहें जगजीत सिंह की आवाज में हेमंत दा वाली बात कहाँ?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-73343242321642763352009-06-23T21:02:30.334+05:302009-06-23T21:02:30.334+05:30दिनेश जी न्यय व्यव्स्था पर तो आप ने बहुत अच्छा लिख...दिनेश जी न्यय व्यव्स्था पर तो आप ने बहुत अच्छा लिखा. लेकिन यह गीत मेरी पसंद के गीतो मे सब से ऊपर है, ओर फ़िलम के तो कहने ही क्या, यह फ़िल तो बहुत पहले बनी, लेकिन आज के हालत पर ही बनी लगती है.<br />राम राम जी कीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-46795008752569958052009-06-23T20:37:55.666+05:302009-06-23T20:37:55.666+05:30पानी, संक्रमण और प्यासा का यह गीत ... मजेदार संयोग...पानी, संक्रमण और प्यासा का यह गीत ... मजेदार संयोग बन रहा है।<br />जगजीत सिंह की आवाज में इस गीत को दो दिन से सुन-सहन कर रहे हैं? अगर इस गीत को इसकी सही आवाज (हेमंतदा) की आवाज में सुनेंगे तो कितने दिन सुनियेगा?<br />आईये इसली आवाज में आपको सुना ही देते हैं।<br /><a href="http://www.youtube.com/watch?v=nAs2wiCqQlI&feature=related" rel="nofollow">जाने वो कैसे लोग थे जिनको प्यार से प्यार मिला</a>सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.com