tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post5913472878195945592..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: आम के पहले बौरों की नैसर्गिक गंध और सौंदर्य का अहसासदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-60646550549314102612009-03-25T01:07:00.000+05:302009-03-25T01:07:00.000+05:30यह लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा। लोगों को अपना बनाना भी...यह लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा। लोगों को अपना बनाना भी एक कला है। शायद आप इसमें निपुण हैं।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-10146599998191802612009-02-18T09:54:00.000+05:302009-02-18T09:54:00.000+05:30ये भी बढिया रहा !ये भी बढिया रहा !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52577258726236977032009-02-12T13:35:00.000+05:302009-02-12T13:35:00.000+05:30ब्लॉग परिवार के बारे में इस तरह कि मीठी पोस्ट पढ़क...ब्लॉग परिवार के बारे में इस तरह कि मीठी पोस्ट पढ़कर हार्दिक खुशी हुयी. आपने जिस तरह आम के बौरों के साथ तुलना की है, बड़ा अच्छा लगा.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-21567876198452683232009-02-09T22:59:00.000+05:302009-02-09T22:59:00.000+05:30आप का लेख पढ कर वाह वाह तो मुंह से निकलती ही है, ल...आप का लेख पढ कर वाह वाह तो मुंह से निकलती ही है, लगता है हम सब एक परिवार के ही है, आप के इस लेख यह तो लगता है अब जब भी भारत आये तो हम अपने को किसी भी शहर मै अपने को अकेला ना समझे, बहुत से भाई बहिन है अब हमारे.<BR/>आप क धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-59035749614845561442009-02-09T21:32:00.000+05:302009-02-09T21:32:00.000+05:30मन भीग गया पढ़कर थोड़ा सा....इस ब्लौग जगत का सचमुच क...मन भीग गया पढ़कर थोड़ा सा....इस ब्लौग जगत का सचमुच कोई जोड़ नहीं...<BR/>संस्मरण के अगले हिस्से का बेसब्री से इंतजार है...<BR/>विगत कुछेक दिनों से आपकी अनुपस्थिति खल भी रही थी इस ब्लौ-जगत मेंगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-39953994776506975582009-02-09T17:13:00.000+05:302009-02-09T17:13:00.000+05:30ये सभी अच्छे लोग है वरना मैं तो कभी किसी से कोई मद...ये सभी अच्छे लोग है वरना मैं तो कभी किसी से कोई मदद नहीं लेता (देता हूँ ,देता आया हूँ !) एकाध बार मदद चाहीए तो मिली ही नहीं ! अब ब्लॉगर बिरादरी नई है न इसलिए अभी रिश्तों की खूबसूरती और गर्माहट बनी हुई है -देखिये कब तक ! और एपी जैसे हैं सभी को वैसा सोचते हैं ! मगर दुनिया तो बहुत जटिल है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67911981522448297322009-02-09T14:30:00.000+05:302009-02-09T14:30:00.000+05:30मुझे तो लगा यहाँ वसंत की चर्चा होगी और आपकी यात्रा...मुझे तो लगा यहाँ वसंत की चर्चा होगी और आपकी यात्रा में कुछ बगीचे और कोयल की कुक मिली होगी. पर यहाँ तो कुछ और ही निकला....Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-18599960688439531302009-02-09T13:59:00.000+05:302009-02-09T13:59:00.000+05:30दिलचस्प संस्मरण है.....यही है शायद ब्लॉग की शक्ति ...दिलचस्प संस्मरण है.....यही है शायद ब्लॉग की शक्ति .जारी रखियेडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-22590577589574964462009-02-09T13:57:00.000+05:302009-02-09T13:57:00.000+05:30सही कहा तभी तो यह एक परिवार की तरह लगता है ...रोच...सही कहा तभी तो यह एक परिवार की तरह लगता है ...रोचक आगे इन्तजार है.रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-41290773389109019432009-02-09T13:18:00.000+05:302009-02-09T13:18:00.000+05:30कृपया मेरी टिप्पणी के पहले वाक्स को -'आपका यह या...कृपया मेरी टिप्पणी के पहले वाक्स को -<BR/>'आपका यह यात्रा वृत्तान्त्र मेरे विश्वास की पुष्टि भी है और विश्वास भी।' को इस प्रकार पढें-<BR/><BR/>'आपका यह यात्रा वृत्तान्त मेरे विश्वास की पुष्टि भी है और विस्तार भी।'विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52983574323485744952009-02-09T13:15:00.000+05:302009-02-09T13:15:00.000+05:30आपका यह यात्रा वृत्तान्त्र मेरे विश्वास की पुष्...आपका यह यात्रा वृत्तान्त्र मेरे विश्वास की पुष्टि भी है और विश्वास भी। 'पत्र मैत्री' वाला भाव, ब्लाग के जरिए अब 'परिवार' का आकार लेने लगा है। आपकी इस पोस्ट में मैं खुद को पा रहा हूं। भावुक होने का यद्यपि कोई कारण नहीं है किन्तु 'सिंथेटिक' होते जा रहे इस समय में सम्बन्ध निर्माण की यह नई डगर अपने आप ही आंखों में सावन बसा रही है।<BR/>लम्बी अनुपस्थिति के बाद आप लौटे और जैसा कि भरोसा था, हम सबके लिए प्रेम की अकूत सम्पदा लेकर ही लौटे।<BR/>आपकी अगली पोस्टें, मात्र पोस्टें नहीं होंगी। वे तो प्रेम की बौछारें होंगी। ऐसी बौछारें, जिनका रुकना कष्टप्रद होगा।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-15999775114407173642009-02-09T12:21:00.000+05:302009-02-09T12:21:00.000+05:30अरे वाह! केवल जूतमपैजारीयत्व ही नहीं है।ब्लॉगरजाति...अरे वाह! केवल जूतमपैजारीयत्व ही नहीं है।<BR/>ब्लॉगरजाति है बड़े काम की चीज! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67604564268762026112009-02-09T10:24:00.000+05:302009-02-09T10:24:00.000+05:30वैसे एक बात बताता हूँ.. मेरी जितनी भी मित्र हैं यह...वैसे एक बात बताता हूँ.. मेरी जितनी भी मित्र हैं यहाँ अगर उन्हें कभी कहीं जाना होता है तो वे सभी काम खुद करना चाहती हैं.. मजबूरी में ही हमसे मदद मांगती हैं.. उन्हें आत्मनिर्भर देख कर ख़ुशी भी होती है.. मैं भी पूर्वा बहन के आत्मनिर्भर होने पर बहुत खुश होऊंगा.. आंटी जी को कहियेगा कि चिंता ना करने के लिए अगर पूर्वा कहीं अकेले जाती है तो.. <BR/>पूर्वा और वैभव को ढेर सारी शुभकामनाएं.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82664585573712822142009-02-09T10:19:00.000+05:302009-02-09T10:19:00.000+05:30आधी बातें आपसे और वैभव से पहले ही पता चल चूका है, ...आधी बातें आपसे और वैभव से पहले ही पता चल चूका है, मगर विस्तार से पढने में भी आनंद आ रहा है.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-83385617988669447072009-02-09T09:36:00.000+05:302009-02-09T09:36:00.000+05:30एक माँ की चिंता तो आसानी से समझी जा सकती है. आगे क...एक माँ की चिंता तो आसानी से समझी जा सकती है. आगे की कड़ी का इंतज़ार है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-42760185735231814722009-02-09T09:33:00.000+05:302009-02-09T09:33:00.000+05:30बहुत मीठी लगी आपकी ये पोस्ट कब कोई कैसे हमसफर बन ज...बहुत मीठी लगी आपकी ये पोस्ट कब कोई कैसे हमसफर बन जाता है पता नही चलता।Tarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81655290460323921462009-02-09T09:28:00.000+05:302009-02-09T09:28:00.000+05:30रिश्तों की मिठास बढने लगी है।समीर जी सही कह रहे है...रिश्तों की मिठास बढने लगी है।समीर जी सही कह रहे हैं सारा विश्व एक परिवार हुआ जा रहा है।अगली कड़ी का इंतज़ार रहेगा।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-31042432659897109392009-02-09T09:08:00.000+05:302009-02-09T09:08:00.000+05:30कुल मिला के आपकी यात्रा सफल रही. बधाईयाँ.कुल मिला के आपकी यात्रा सफल रही. बधाईयाँ.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-36856643201585996912009-02-09T08:10:00.000+05:302009-02-09T08:10:00.000+05:30वाह!! देखिये कितनी बड़ी उपलब्धि है यह ब्लॉगिंग की.....वाह!! देखिये कितनी बड़ी उपलब्धि है यह ब्लॉगिंग की..पूरा विश्व एक परिवार हुआ जा रहा है. कहीं कुछ अनजाना सा नहीं..कहीं कुछ अजनबियत नहीं.<BR/><BR/>आनन्द आ गया संस्मरण पढ़कर-आगे इन्तजार है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com