tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post5825781919657473197..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: "पौरुष और कला" - यादवचंद्र के प्रबंध काव्य "परंपरा और विद्रोह" का तृतीय सर्गदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-49968571354400763562010-05-20T14:26:21.749+05:302010-05-20T14:26:21.749+05:30प्रविष्टि का समापन कितना सुन्दर है -
"जीत कर ...प्रविष्टि का समापन कितना सुन्दर है -<br />"जीत कर पुरुष गया तब हार<br />हार में देखी अपनी जीत<br />प्रीत का मदमाता संसार<br />कला औ पौरुष की यह नाव<br />चली करने युग-धारा पार ............" <br /><br />अदभुत काव्य प्रस्तुति है यह ! साथ में चित्र भी हैं सुयोग्य ! <br />आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-10574763021076722882010-05-13T08:12:18.483+05:302010-05-13T08:12:18.483+05:30चिंतनपरक !चिंतनपरक !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45654072730684429052010-05-12T21:07:10.658+05:302010-05-12T21:07:10.658+05:30बहुत ही सुंदर कविता, आप का धन्यवादबहुत ही सुंदर कविता, आप का धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81476754950338167812010-05-12T20:23:57.525+05:302010-05-12T20:23:57.525+05:30सृष्टि के विकास की रोचक यात्रा ।सृष्टि के विकास की रोचक यात्रा ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-44913170122633020072010-05-12T18:50:01.110+05:302010-05-12T18:50:01.110+05:30विचारणीय कविता ,आपके विचारों का मैं हार्दिक आदर कर...विचारणीय कविता ,आपके विचारों का मैं हार्दिक आदर करता हूँ /संजय कुमार चौरसियाhttps://www.blogger.com/profile/06844178233743353853noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-11930602323326846162010-05-12T18:43:08.579+05:302010-05-12T18:43:08.579+05:30विचारणीय कविता ,आपके विचारों का मैं हार्दिक आदर कर...विचारणीय कविता ,आपके विचारों का मैं हार्दिक आदर करता हूँ /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-59621434421812567152010-05-12T18:26:39.071+05:302010-05-12T18:26:39.071+05:30'भेड़ियों का होता आघात
दृगों में कटती भीषण रात...'भेड़ियों का होता आघात<br />दृगों में कटती भीषण रात<br />उफ, श्रम का भीषण मध्यान्ह<br />सुनहला सुखद् शान्ति का प्रात'<br /><br />भावपूर्ण कविताएं,अच्छी प्रस्तुति !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-31213560717858885802010-05-12T17:41:18.587+05:302010-05-12T17:41:18.587+05:30व्यक्ति के जीवन का हो गान
चाहता है वह निज सम्मान
प...व्यक्ति के जीवन का हो गान<br />चाहता है वह निज सम्मान<br />परिस्थिति के हो कर अनुकूल<br />इसी से करता नव निर्माण....<br /><br />पढ़ने में रोमांच का अनुभव हो रहा है...अच्छी प्रस्तुति चल रही है यह....रवि कुमार, रावतभाटाhttps://www.blogger.com/profile/10339245213219197980noreply@blogger.com