tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post5730308264183550143..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: 10 मार्च के दिन को वे राष्ट्रीय शर्म दिवस के रुप में क्यों मनाएँदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-58092235061600343702008-03-11T23:09:00.000+05:302008-03-11T23:09:00.000+05:30आपका पोस्ट बहुत अच्छा लगा पर मुझे नहीं लगता की होक...आपका पोस्ट बहुत अच्छा लगा पर मुझे नहीं लगता की होकी मर चुका है। खेल खिलाडी से होता है खिलाडी से खेल नहीं। जब तक हमारे देश में होकी के खिलाडी हैं होकी भी है। वैसे भी आजकल हमारे यहाँ खेल कम उसमें राजनीती ज्यादा होती है। इस हार का गिल साहब पर कोई असर पडा हो या ना पडा हो पर खिलाडियों पर ज़रूर पडा होगा। हो सकता है अगली बार ये बहुत अच्छा खेलें। जिस तरह रात के बाद दिन आता है उसी तरह होकी कि सुबह ज़रूर आऍगी। मुझे पूरा भरोसा है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-12328926644778154532008-03-11T21:13:00.000+05:302008-03-11T21:13:00.000+05:30आपसे पूरी तरह सहमत हूँ ..हाकी मर गयी हैआपसे पूरी तरह सहमत हूँ ..हाकी मर गयी हैAdminhttps://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-42560769834677112982008-03-11T19:37:00.000+05:302008-03-11T19:37:00.000+05:30वाकई, हम लोगों ने बचपन में जसदेव सिंह की कमेण्ट्री...वाकई, हम लोगों ने बचपन में जसदेव सिंह की कमेण्ट्री के साथ हाकी के स्वर्णिम युग का आस्वादन कर रखा है। अब यह दुर्दशा देखना बहुत खराब लग रहा है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-6240047055735684812008-03-11T14:44:00.000+05:302008-03-11T14:44:00.000+05:30मैं तो उन खिलाड़ियों की तस्वीर देख कर ही सन्न था। म...मैं तो उन खिलाड़ियों की तस्वीर देख कर ही सन्न था। मीडिया में कहीं किसी को कहते सुना गया है कि 'गिल को लात मारकर निकाल देना चाहिये' तो लगा कि वाकई लातों के भूत बातों से नहीं मानते। जैसे को तैसा के अंदाज में गिल साहब को भी आतंकवाद विरोध से निपटने के उनके ही अंदाज में गोली मार देनी चाहिये। कोई सुनवाई नहीं, किस्सा खतम।<BR/><BR/>वैसे क्या किसी दिन सुनने को मिलेगा 'पवार को लात मार कर निकाल देना चाहिये'?लोकेश Lokeshhttps://www.blogger.com/profile/12218007406634430572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-2583939044277642742008-03-11T12:29:00.000+05:302008-03-11T12:29:00.000+05:30सच ही लिखा है आपने । पर अभी भी गिल ना तो इस्तीफा...सच ही लिखा है आपने । पर अभी भी गिल ना तो इस्तीफा देने के मूड मे है और ना ही कोई जवाब देने के।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-71966224209345353152008-03-11T12:05:00.000+05:302008-03-11T12:05:00.000+05:30क्या कहूं आपके कहने के बाद और कुछ सूझ ही नही रहा।क...क्या कहूं आपके कहने के बाद और कुछ सूझ ही नही रहा।<BR/>कभी-कभी तो इस पूरी व्यवस्था पर इतना गुस्सा आता है कि क्या कहें।<BR/>गिल साहब तो बस यही कहते रहे हैं और कहते रहेंगे, उन्हें तो हम छत्तीसगढ़ में भी देख चुके हैं नक्सलियों से लड़ने की रणनीति बनाने उन्हें आमंत्रित किया गया था। खाया पिया कुछ नई गिलास तोड़ा बारह आना को चरितार्थ करते हुए बस लाखों रूपए फीस ले ली करोड़ो खर्च करवा दिए काम कुछ नही किए, छत्तीसगढ़ में गिनती के दिन रहे!!<BR/><BR/>क्या उन्हें हर जगह सिर्फ़ इसलिए ढोया जाना उचित हैं कि उन्होनें पंजाब में आतंकवाद को समाप्त करने में बड़ी भूमिका निभाई है।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-69433060275413307272008-03-11T07:08:00.000+05:302008-03-11T07:08:00.000+05:30अब क्या कहें..यूँ भी सन्न हैं.अब क्या कहें..यूँ भी सन्न हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81451753288288005042008-03-11T02:50:00.000+05:302008-03-11T02:50:00.000+05:30सही लिखा आपने।सही लिखा आपने।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86700236368818581092008-03-11T01:25:00.000+05:302008-03-11T01:25:00.000+05:30गुरुवर यह एक ऐसी खेल घटना है, जो भारतीय इतिहास भुल...गुरुवर यह एक ऐसी खेल घटना है, जो भारतीय इतिहास भुलाए नहीं भूल पाएगा। <BR/>यानी हम ओलंपिक में राष्टीय खेल की टीम न भेज पाएं। <BR/>इधर भी देखें <BR/>www.shuruwat.blogspot.comराजीव जैनhttps://www.blogger.com/profile/07241456869337929788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-17751041028798630742008-03-11T00:42:00.001+05:302008-03-11T00:42:00.001+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-9928090876672041242008-03-11T00:42:00.000+05:302008-03-11T00:42:00.000+05:30खेलों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिनेश जी। फिर भी हॉ...खेलों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिनेश जी। फिर भी हॉकी के लिए राष्ट्रीय शर्म वगैरह से पहले मैं यही कहना चाहूंगा कि क्रिकेट एक आपराधिक गतिविधि है। ये मॉस हिस्टीरिया का रूप ले चुकी है। ये एक बीमारी है। इसका इलाज ढूंढने पर बाकी चीज़ों को सहेजने, संभालने की फुर्सत अपने आप मिल जाएगी। एक दर्जन देशों में चल रहे पैसों के खेल को पूरी दुनिया के संदर्भ में भारतीय गौरव वगैरह जैसे जुमलों से जोड़ना मेरी नज़र मे राष्ट्रीय शर्म की बात है। <BR/>हमे मीडिया पर शर्म आती है। मीडिया खुद कभी घोषित करेगा मीडिया के लिए शर्म का दिवस ?अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.com