tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post5035382264177138018..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: नवरात्र को आत्मानुशासन का पर्व बनाएँदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-91622259016824399392008-10-02T07:33:00.000+05:302008-10-02T07:33:00.000+05:30मेरी और से सभी पाठकों को नवरात्र के लिए और ईद के ल...मेरी और से सभी पाठकों को नवरात्र के लिए और ईद के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ। <BR/><BR/>बहुत अच्छी बात लिखी है आपने.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-80565327990087236762008-10-01T19:57:00.000+05:302008-10-01T19:57:00.000+05:30उत्तम विचार जय भगवती अम्बे मांउत्तम विचार जय भगवती अम्बे मांमहेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-31964886907048171392008-10-01T19:46:00.000+05:302008-10-01T19:46:00.000+05:30जोधपुर मँदिर मेँ ऐसी वारदात का होना कितना अनुचित ह...जोधपुर मँदिर मेँ ऐसी वारदात का होना कितना अनुचित है जो कि सर्वथा रोका जा सकता था - हम भारतीय लोग कब, इस भीड मेँ फँसे भेडोँ के झुँड से अलग बन पायेँगेँ ? यहाँ अमरीका मेँ भी भारतीय यही करते हैँ अगर शादी ब्याह का भोज हो या कोई अन्य भारतीय त्योहार :-(<BR/>अनुशाशन और शिस्तबध्ध होना हमारी आदतोँ के खिलाफ है ..जो अफसोस जनक बात है ..अच्छी पोस्ट <BR/> जय माता दी !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-70858679115508992052008-10-01T18:51:00.000+05:302008-10-01T18:51:00.000+05:30आपने सही सवाल उठाया है - जब देवी एक ही है और घर मे...आपने सही सवाल उठाया है - जब देवी एक ही है और घर में ही घट स्थापना कर ली है तो मन्दिर क्यों जा रहे हैं । <BR/>जवाब इसी सवाल में निहित है - धार्मिक होना जरूरी नहीं है, धार्मिक दिखना जरूरी है ।<BR/>आपका आलेख सदैव की तरह शानदार है ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-30066407500923798252008-10-01T18:49:00.000+05:302008-10-01T18:49:00.000+05:30मैं भी तो यही चाहता हूँ पर हो नही पाता -देखिये को...मैं भी तो यही चाहता हूँ पर हो नही पाता -देखिये कोशिश करता हूँ !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23378735373902211402008-10-01T12:35:00.000+05:302008-10-01T12:35:00.000+05:30आलेख निःसदेह उपयोगी है । जोधपुर त्रासदी ने अभी तक ...आलेख निःसदेह उपयोगी है । जोधपुर त्रासदी ने अभी तक हिला कर रखा हुआ है। भगवान दिवंगत आत्मा को शान्ति दे।anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-24601444912433671392008-10-01T12:17:00.000+05:302008-10-01T12:17:00.000+05:30आप चीजो को जिस तरह पोसिटिव परिपेक्ष्य में देखते है...आप चीजो को जिस तरह पोसिटिव परिपेक्ष्य में देखते है ,काबिले -तारीफ़ हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-39413186415107611782008-10-01T09:57:00.000+05:302008-10-01T09:57:00.000+05:30सत्य वचन महाराज्। व्यवसथा मे सुधार बेहद ज़रुरी है।सत्य वचन महाराज्। व्यवसथा मे सुधार बेहद ज़रुरी है।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-89594755548198835082008-10-01T08:34:00.000+05:302008-10-01T08:34:00.000+05:30दुर्गा पूजा की शुभ कामनाये ...जो भी कल हुआ वह दुखद...दुर्गा पूजा की शुभ कामनाये ...जो भी कल हुआ वह दुखद पूर्ण है ..आपने इस विषय पर सही लिखा है ..इस तरह के हादसे निरंतर हो रहे हैं ..अनुशासन तो हर जगह जरुरी है ...रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-57709502144845683802008-10-01T07:48:00.001+05:302008-10-01T07:48:00.001+05:30बढ़िया आलेख, अच्छा लगा।बढ़िया आलेख, अच्छा लगा।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81063011339837505272008-10-01T07:48:00.000+05:302008-10-01T07:48:00.000+05:30आदरणीय, जोधपुर का हादसा अत्यन्त ही दुखद है ! आज कि...आदरणीय, जोधपुर का हादसा अत्यन्त ही दुखद है ! आज किसी अखबार में पढ़ रहा हूँ की नारियल पानी के बहने<BR/>से फिसलन हुई और उस फिसलन पर कुछ लोग फिसले , और यह हादसा हुवा ! ऐसे में आदरणीय ज्ञान जी का यह कहना "बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था के मद्दे नजर पर्व मनाने के तरीके में परिवर्तन होना चाहिये।" इन हादसों की पुनरावृती रोकने का सक्षम उपाय हो सकता है ! और इसमे कुछ परम्पराओं में बदलाव भी नही होता ! अगर नारियल पानी वाली बात सही है तो इसके<BR/>लिए आप क्या कहेंगे ? जोधपुर हादसे में दिवंगत आत्माओं को ईश्वर शकुन दें !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-4646810954801377372008-10-01T06:56:00.000+05:302008-10-01T06:56:00.000+05:30बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था के मद्दे नजर पर्व मनाने के त...बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था के मद्दे नजर पर्व मनाने के तरीके में परिवर्तन होना चाहिये।<BR/>और जैसा भी किया जाये, मानवीय मूल्यों का विकास होना चाहिये।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-10290350728737494802008-10-01T06:10:00.000+05:302008-10-01T06:10:00.000+05:30बढ़िया आलेख. नवरात्रि के पावन अवसर पर्व पर हार्दिक ...बढ़िया आलेख. नवरात्रि के पावन अवसर पर्व पर हार्दिक मंगलकामनाऐ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-25705546327834326822008-10-01T06:00:00.000+05:302008-10-01T06:00:00.000+05:30द्विवेदी जी !प्रणाम !आपकी बात और उठाये गए प्रश्न द...द्विवेदी जी !<BR/>प्रणाम !<BR/>आपकी बात और उठाये गए प्रश्न दोनों ही सम-सामयिक हैं . बहुत अच्छा हो की हम इसे अपने जीवन में प्रेरणा का आधार माने .प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-18774325971096394352008-10-01T05:30:00.000+05:302008-10-01T05:30:00.000+05:30"क्यों नहीं जो नगर 20-25 हजार श्रद्धालु सूर्योदय क..."<B>क्यों नहीं जो नगर 20-25 हजार श्रद्धालु सूर्योदय के पूर्व 400 फुट ऊंचे मंदिर पर चढ़ाई करने को तैयार कर देता है वह 200-250 स्वयंसेवक इस पर्व पर सेवा के लिए तैयार कर पाता है?</B>"<BR/><BR/>बहुत ही दुखद ख़बर है. हर बार कहीं न कहीं भगदड़ में मौत की ख़बर मिलती है. कहीं भगवान् के दर्शन के नाम पर और कहीं मुफ्त सारी वितरण के नाम पर.<BR/><BR/>सही कहा आपने. स्वयंसेवक बनने-बनाने की परम्परा तो कभी आम जीवन का हिस्सा बन ही नहीं सकी. संगठन हैं भी तो सिर्फ़ धरने हड़ताल के लिए न कि सेवा के लिए. मंदिरों की इमारतों के पुराने स्वरुप भी आज की बढ़ी हुए जनसंख्या के अनुरूप नहीं हैं. कभी-कभी तो यह भी लगता है कि जिस तरह लोग बम फोड़ते हैं शायद कुछ लोग भीड़ भरे धार्मिक स्थलों में भगदड़ भी कराते हैं. कारण जो भी हों, समस्या के हल के लिए बहुत सोच-विचार, योजना और और उसे लागू करने के प्रयास की ज़रूरत है. <BR/><BR/>मगर इस सब से पहले बड़ी ज़रूरत है मानव जीवन का आदर करने की - उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-91245518162497646212008-10-01T03:57:00.000+05:302008-10-01T03:57:00.000+05:30सुंदर आलेख । आप से प्रेरणा लेकर देवी का पाठ मैं भी...सुंदर आलेख । आप से प्रेरणा लेकर देवी का पाठ मैं भी करूंगी । वजन ..........उसके लिये भी कुछ तो करना होगा ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-79810979112533679202008-10-01T02:53:00.000+05:302008-10-01T02:53:00.000+05:30jai mata dijai mata diसचिन मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07382964172201827333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67647345144457778172008-10-01T01:03:00.000+05:302008-10-01T01:03:00.000+05:30उत्तम विचार | आपने हिन्दी राईटर लगा कर काफी अच्छा ...उत्तम विचार | आपने हिन्दी राईटर लगा कर काफी अच्छा किया |Vivek Guptahttps://www.blogger.com/profile/14118755009679786624noreply@blogger.com