tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post4304982353628231314..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: बंदर की रोटी बनाम होलोप्टीलिया इंटेग्रिफोलिया -एक औषधीय वृक्षदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-33811828155308370072012-03-20T23:51:53.508+05:302012-03-20T23:51:53.508+05:30बड़े काम की जानकारी लगी...आभार आपका!!बड़े काम की जानकारी लगी...आभार आपका!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-70433164345433869662012-03-16T07:30:03.135+05:302012-03-16T07:30:03.135+05:30बचपन में, स्कूल के दिनों में जिसे खूब खाई,
उसकी ...बचपन में, स्कूल के दिनों में जिसे खूब खाई,<br />उसकी हकीकत अब, आपसे पाई।<br /><br />शुक्रिया।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-57809163423630088412012-03-16T03:00:57.722+05:302012-03-16T03:00:57.722+05:30ये नन्हीं-नन्हीं स्वादिष्ट रोटियाँ हवा में उड़ उड़...ये नन्हीं-नन्हीं स्वादिष्ट रोटियाँ हवा में उड़ उड़ कर चारों ओर बिखर जाती हैं.बचपन में खूब खाई हैं ,अब भी मिल जाती हैं तो छील कर खाये बिना मन नहीं मानता-चिलबिल की ये चपातियाँ !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-40642652766818889572012-03-15T23:55:19.774+05:302012-03-15T23:55:19.774+05:30नई जानकारी मिली।नई जानकारी मिली।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-70038210034685995692012-03-15T16:50:35.457+05:302012-03-15T16:50:35.457+05:30उत्तम जानकारी मिली. चिलबिल तो पता था देखा पहली बार...उत्तम जानकारी मिली. चिलबिल तो पता था देखा पहली बार.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-71726286159007328802012-03-15T15:01:40.580+05:302012-03-15T15:01:40.580+05:30अब लगता है की शायद यह वही है जिसे हम जंगली चिरौंजी...अब लगता है की शायद यह वही है जिसे हम जंगली चिरौंजी मानकर बचपन में खाते थे.<br />घुघूतीबासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52417037628096326242012-03-15T12:20:28.940+05:302012-03-15T12:20:28.940+05:30यह बंदर की रोटी तो बंदर बाँट सी हो गई :)यह बंदर की रोटी तो बंदर बाँट सी हो गई :)सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45450730418442177142012-03-15T10:56:22.742+05:302012-03-15T10:56:22.742+05:30बचपन में इसका बीज खाया है मगर गुण आज ही पता चले है...बचपन में इसका बीज खाया है मगर गुण आज ही पता चले है...<br />आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-49506239815611234622012-03-15T10:32:26.648+05:302012-03-15T10:32:26.648+05:30ओह, यह तो चिल्वल ही है ।
बढ़िया जानकारी ।।ओह, यह तो चिल्वल ही है ।<br />बढ़िया जानकारी ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-24647182955252870732012-03-15T09:35:09.213+05:302012-03-15T09:35:09.213+05:30अब कहीं देखेंगे तो पत्ते और छाल सहेज लेंगे।अब कहीं देखेंगे तो पत्ते और छाल सहेज लेंगे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-80653073322032948182012-03-15T08:48:19.979+05:302012-03-15T08:48:19.979+05:30नेचुरोपैथी सीखने के लिए
हमने भी औपचारिक रूप से D...<b>नेचुरोपैथी सीखने के लिए</b> <br />हमने भी औपचारिक रूप से D.N.Y.S. किया है। आजकल धनी लोग इस पैथी की तरफ़ रूख़ भी कर रहे हैं। रूपया काफ़ी है इसमें। फ़ाइव स्टारनुमा अस्पताल तक खुल चुके हैं नेचुरोपैथी के और इस तरह एक सादा चीज़ फिर व्यवसायिकता की भेंट चढ़ गई।<br />यह ऐसा है जैसे कि भारत में जिस संत ने भी एक ईश्वर की उपासना पर बल दिया, उसे ही जानबूझ कर उपासनीय बना दिया गया।<br />शिरडी के साईं बाबा इस की ताज़ा मिसाल हैं। उनसे पहले कबीर थे। यह उन लोगों ने किया जिन लोगों ने धर्म को व्यवसाय बना रखा है और एकेश्वरवाद से उनके धंधा चौपट होता है तो वे ऐसा करते हैं कि उनका धंधा चौपट करने वाले को भी वह देवता घोषित कर देते हैं।<br />जिन लोगों ने दवा को सेवा के बजाय बिज़नैस बना लिया है वे कभी नहीं चाह सकते कि उनका धंधा चौपट हो जाए और लोग जान लें कि वे मौसम, खान पान और व्यायाम करके निरोग रह भी सकते हैं और निरोग हो भी सकते हैं।<br />ईश्वर ने सेहतमंद रहने का वरदान दिया था लेकिन हमने क़ुदरत के नियमों की अवहेलना की और हम बीमारियों में जकड़ते गए। हमें तौबा की ज़रूरत है। ‘तौबा‘ का अर्थ है ‘पलटना‘ अर्थात हमें पलटकर वहीं आना है जहां हमारे पूर्वज थे जो कि क़ुदरत के नियमों का पालन करते थे। उनकी सेहत अच्छी थी और उनकी उम्र भी हमसे ज़्यादा थी। उनमें इंसानियत और शराफ़त हमसे ज़्यादा थी। हमारे पास बस साधन उनसे ज़्यादा हैं और इन साधनों को पाने के चक्कर में हमने अपनी सेहत भी खो दी है और अपनी ज़मीन की आबो हवा में भी ज़हर घोल दिया है। हमारे कर्म हमारे सामने आ रहे हैं।<br />अब तौबा और प्रायश्चित करके ही हम बच सकते हैं।<br />यह बात भी हमारे पूर्वज ही हमें सिखा गए हैं।<br />हमारे पूर्वज हमें योग भी सिखाकर गए थे लेकिन आज योग को भी व्यापार बना दिया गया है। जो व्यापार कर रहा है लोग उसे बाबा समझ रहे हैं।<br />हमारे पूर्वज हमें ‘आर्ट ऑफ़ लिविंग‘ मुफ़्त में सिखाकर गए थे लेकिन अब यह कला सिखाने की बाक़ायदा फ़ीस वसूल की जाती है।<br />कोई भगवा पहनकर धंधा कर रहा है और सफ़ेद कपड़े पहनकर। इनकी आलीशान अट्टालिकाएं ही आपको बता देंगी कि ये ऋषि मुनियों के मार्ग पर हैं या उनसे हटकर चल रहे हैं ?<br />See : http://bhartiynari.blogspot.in/2012/03/blog-post_14.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-62695814360336017962012-03-15T08:27:55.182+05:302012-03-15T08:27:55.182+05:30आपकी पिछली पोस्ट पढने पर तो समझ नहीं आया पर ये पो...आपकी पिछली पोस्ट पढने पर तो समझ नहीं आया पर ये पोस्ट पढ़ कर लग रहा है कि मैने बचपन में खाया है. इस पेड़ के फल उड़ उड़ कर घरो में आ जाते थे. शायद इसीलिए इसको तितली नाम से पुकारा जाता था. इसका बीज खाने में चारोली जैसा लगता था.शोभाhttps://www.blogger.com/profile/12010109097536990453noreply@blogger.com