tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post3662917616873917151..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: सिंथेटिक मावा/खोया और उस की मिठाइयों का बहिष्कार करें ....दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-51854074002875760702010-08-25T09:14:09.628+05:302010-08-25T09:14:09.628+05:30बेहतरीन और अच्छी पोस्ट
शुभकामनाएं
कृपया ब्लाग वार...<i><b> <br />बेहतरीन और अच्छी पोस्ट<br />शुभकामनाएं<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/08/4_25.html" rel="nofollow">कृपया ब्लाग वार्ता पर भी पधारें।<br /></a> </b></i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-37847080181203894352010-08-25T08:31:43.909+05:302010-08-25T08:31:43.909+05:30मुझे अपने बचपन की याद है जब हम दीपावली पर गाँव जात...मुझे अपने बचपन की याद है जब हम दीपावली पर गाँव जाते थे तो मावे की अनुपलब्धता के कारण सभी पकवान बेसन या आटे के बनते थे. आज सिंथेटिक मावे की वजह से हम उसी समय में पहुँच गए है .हम में से कई ने मावे का त्याग ही कर दिया है. मेरी ये सलाह सभी को है.शोभाhttps://www.blogger.com/profile/12010109097536990453noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-9088696826944564722010-08-24T20:04:00.232+05:302010-08-24T20:04:00.232+05:30जी बिलकुल सही हिदायत दी आपने -मीडिया में भी बड़ा ह...जी बिलकुल सही हिदायत दी आपने -मीडिया में भी बड़ा हल्ला है -त्याग दिया !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-37653159103088819572010-08-24T19:51:13.855+05:302010-08-24T19:51:13.855+05:30भूल सुधार :-
बींदी तक नही मिलती.:) = बूंदी तक नही...भूल सुधार :-<br /><br /><b>बींदी तक नही मिलती.:) = बूंदी तक नही मिलती.:) पढा जाये!!!</b><br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-46230600040996974042010-08-24T19:36:58.574+05:302010-08-24T19:36:58.574+05:30कल हमने दोस्त द्वारा लायी गयी मिठाई खायी... अब पता...कल हमने दोस्त द्वारा लायी गयी मिठाई खायी... अब पता नहीं किस चीज की बनी थी !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-64018067459994746102010-08-24T19:13:03.186+05:302010-08-24T19:13:03.186+05:30असल में इसके पीछे गुनहगार हम भी हैं, क्या पहले त्य...असल में इसके पीछे गुनहगार हम भी हैं, क्या पहले त्योंहारों पर मिठाईयां बाजार से खरीदी जाती थी? और आज? तो बाजार तो हमेशा पूंजी कमाना चाहता है. उसे नैतिकता से क्या लेना देना? आज व्यापारियों के लिये उपभोक्ता/बाजार सिर्फ़ पूंजी कमाने का जरिया है. अगर हम रिश्ते और उनकी मिठास बचाना चाहते हैं तो कम से कम मिठाईयां तो अपने घर पर बना ही सकते है भले ही बेसन की हों क्योंकि यहा मावा फ़िर सिंथेटिक ही खरीदना होगा.<br /><br />पुराने जमाने में तो शादी विवाह की मिठाईयां घर पर ही हलवाई द्वारा बनवायी जाती थी और आटा बेसन सब पडोसीयों द्वारा घर पर ही पिसाया जाता था.<br /><br />शादी विवाह के महिनों बाद तक लड्डू खाने को मिलते थे और आज विवाह वाले घर में विवाह के दूसरे दिन लड्डू छोडकर बींदी तक नही मिलती.:)<br /><br />रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-47823438487364850612010-08-24T18:24:51.954+05:302010-08-24T18:24:51.954+05:30खाद्य और आपूर्ति विभाग के निरीक्षकों के लोभ लालच स...खाद्य और आपूर्ति विभाग के निरीक्षकों के लोभ लालच से इस तरह की स्थिति को बढ़ावा मिल रहा है क्योकि ये लोग व्यापारियों को असली सामान बनाने और बेचने के लिए प्रेरित करने के बजाय उन्हें रिश्वत देने के लिए प्रेरित करतें हैं और उन्हें नकली सामान बनाने और बेचने की प्रशिक्षण भी देते हैं | लोगों को इन खाद्य निरीक्षकों की खबर लेने की जरूरत है ...वैसे अब इंसानियत को बचाने के लिए हर किसी को अपने-अपने क्षेत्र में प्रयास करने तथा लोभ-लालच से दूर रहने की जरूरत है ..honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-20800021566975504592010-08-24T14:04:38.838+05:302010-08-24T14:04:38.838+05:30खीर व हलवा, दोनों ही बड़े अच्छे लगते हैं हमें।खीर व हलवा, दोनों ही बड़े अच्छे लगते हैं हमें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-39273787381964203342010-08-24T14:03:32.885+05:302010-08-24T14:03:32.885+05:30सही कहा....जागरूक करने वाली पोस्ट ...हम भी नहीं ला...सही कहा....जागरूक करने वाली पोस्ट ...हम भी नहीं लाये बाज़ार से कोई मिठाई ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-83860735654836275582010-08-24T13:22:39.293+05:302010-08-24T13:22:39.293+05:30बहुत सुन्दर रचना...
रक्षाबंधन पर पर हार्दिक बधाई ...बहुत सुन्दर रचना... <br />रक्षाबंधन पर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाये.....Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67302990392896530612010-08-24T11:11:34.852+05:302010-08-24T11:11:34.852+05:30हमें तो मालूम था कि आप डांटेगें मावे के लिए, इसलिए...<i><b> <br />हमें तो मालूम था कि आप डांटेगें मावे के लिए, इसलिए पहले ही हाथ खड़े कर दिए और घरेलु मिठाईयों -चक्की और लाडु से से ही काम चला रहें है। <br />सभी को श्रावणी पर्व की हार्दिक बधाई।<br /><br /><a href="http://lalitdotcom.blogspot.com/2010/08/blog-post_24.html" rel="nofollow">लांस नायक वेदराम!<br /></a> </b></i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-85894119169281870812010-08-24T09:59:29.950+05:302010-08-24T09:59:29.950+05:30जागरूक करनेवाला आलेख .. पर आज की पीढी स्वयं मिठाइ...जागरूक करनेवाला आलेख .. पर आज की पीढी स्वयं मिठाइयां बनाने का झंझट नहीं लेना चाहती .. रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-79000573713234664232010-08-24T08:10:23.598+05:302010-08-24T08:10:23.598+05:30'मिष्ठान्न' ही प्रयुक्त किए जाऍं, '...'मिष्ठान्न' ही प्रयुक्त किए जाऍं, 'मिठाइयाँ' नहीं। सारे संकट दूर हो जाऍंगे।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45681556120581738812010-08-24T08:06:10.117+05:302010-08-24T08:06:10.117+05:30नीचता की पराकाष्ठा भी इंसानों की अपनी है !नीचता की पराकाष्ठा भी इंसानों की अपनी है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-53184362112846101442010-08-24T05:39:32.249+05:302010-08-24T05:39:32.249+05:30बिल्कुल जी घर पर बनाईये मिठाईयाँ और प्रसन्न हो कर ...बिल्कुल जी घर पर बनाईये मिठाईयाँ और प्रसन्न हो कर खाईये.<br /><br />रक्षा बंधन के अवसर पर अनेक बधाई और शुभकामनायेUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-76767856499953342582010-08-24T04:36:26.060+05:302010-08-24T04:36:26.060+05:30सरकार से पूछा जाना चाहिए कि वह फूड या हेल्थ इंस्...सरकार से पूछा जाना चाहिए कि वह फूड या हेल्थ इंस्पेक्टरों को तनख्वाह किसलिए देती है।<br /><br /><br />रक्षाबंधन की शुभकामनाएं।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28371603313865916552010-08-24T01:26:36.439+05:302010-08-24T01:26:36.439+05:30आप को भी रक्षाबंधन के त्यौहार पर हार्दिक शुभकामनाए...आप को भी रक्षाबंधन के त्यौहार पर हार्दिक शुभकामनाएँ!!!<br />दिनेश जी आज से दस साल पहले हम भारत आते थे तो खुब सारी मिठाई संग लाते थे, जिसे हम फ़्रिजर मै लगा देते थे, ओर पुरा साल खाते थे, ओर अब भारत आते है तो चाय भी डर कर पीते है, पता नही यह लोग हमारी जिन्दगी से खेल कर ही क्यो अमीर बनाना चाहते है, आप की पोस्ट से सहमत हुं, अच्छा है घर मै ही मिठाई बनाये, केसी भी बने, लेकिन नकली तो नही होगी. ओर जिन्हे भी पकडे उसे सख्त से सख्त सजा दे ओर जड को भी ढुढे धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com