tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post3298482928394014575..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: खिन्नता यहाँ से उपजती हैदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-22688374829233108662010-03-09T01:15:07.675+05:302010-03-09T01:15:07.675+05:30आपने बिलकुल सही लिखा। आप अकेले इस खिन्नता को नहीं...आपने बिलकुल सही लिखा। आप अकेले इस खिन्नता को नहीं भोग रहे। पूरा देश आपके साथ है। मैं भी।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84784065429176668712010-03-06T22:00:51.612+05:302010-03-06T22:00:51.612+05:30@JAI SINGH की टिप्पणी से आगे...
एक बार रायबरेली म...@JAI SINGH की टिप्पणी से आगे...<br /><br />एक बार रायबरेली में मैंने भी किसी को यही कहते सुना था -"साहेब थाना-कचेहरी तो कायर लोगन का काम हय, तोहार फ़ैसला तो हमैहीं करब.."Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-22814302202320838862010-03-06T21:56:40.294+05:302010-03-06T21:56:40.294+05:30जागेंगे इस देश के कर्ताधर्ता भी जागेंगे, जब नक्सवा...जागेंगे इस देश के कर्ताधर्ता भी जागेंगे, जब नक्सवाद की तरह पानी सर से गुजरने लगेगा ये तब तब जागेंगे...स्थिती निराशाजनक ही नहीं है बल्कि अब भयावाह दिखने लगी है. <br /><br />यही कारण है कि अब्दुल कलाम साहब ने अपने राष्ट्रपतित्व में एक भी मृत्युदंड को कन्फ़र्म नहीं किया, उनका मानना था कि जिनके मुक़द्दमे ढंग से नहीं लड़े जाते वही मौत की सज़ा पाते हैं. वहीं दूसरी तरफ़ वे लोग हैं जिनके मुक़द्दमे हर पेशी के 2 लाख रूपये लेने वाले वकील लड़ते हैं... उन्हें फांसी नहीं होती...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-71881920932293980902010-03-06T21:31:00.085+05:302010-03-06T21:31:00.085+05:30बाप रे...लेकिन भारत मै हर तरफ़ ओर हर जगह यही हाल है...बाप रे...लेकिन भारत मै हर तरफ़ ओर हर जगह यही हाल है, किसी भी दफ़तर मै जाओ.... यह गलती तो हमारे शासन की है,राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-73777333294314916742010-03-06T21:21:26.333+05:302010-03-06T21:21:26.333+05:30हाँ यह दुखद है मगर क्या समाधान हो सकेगा इसका ?हाँ यह दुखद है मगर क्या समाधान हो सकेगा इसका ?डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84617370905100005162010-03-06T18:17:18.361+05:302010-03-06T18:17:18.361+05:30स्थितियां निराश करती हैं, लगातार....स्थितियां निराश करती हैं, लगातार....sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90861040079933915722010-03-06T09:32:04.477+05:302010-03-06T09:32:04.477+05:30स्थितियाँ दयनीय सी प्रतीत होती हैं.स्थितियाँ दयनीय सी प्रतीत होती हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-83302603022158638772010-03-06T05:54:56.836+05:302010-03-06T05:54:56.836+05:30हे भगवान ! यह स्थिति तो मन को नैराश्य से भर रही है...हे भगवान ! यह स्थिति तो मन को नैराश्य से भर रही है ! <br />समाधान क्या है !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-25118997355971471022010-03-06T05:15:48.863+05:302010-03-06T05:15:48.863+05:30हाँ यह दुखद है मगर क्या समाधान हो सकेगा इसका ?हाँ यह दुखद है मगर क्या समाधान हो सकेगा इसका ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-18524674433845431582010-03-06T00:46:03.915+05:302010-03-06T00:46:03.915+05:30जय सिंह की टिप्पणी से सहमत !जय सिंह की टिप्पणी से सहमत !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-41986704468142933632010-03-05T23:49:54.027+05:302010-03-05T23:49:54.027+05:30उफ़............!!!उफ़............!!!शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-37410987683811777652010-03-05T23:36:52.131+05:302010-03-05T23:36:52.131+05:30किसी ने कहा है कि कोर्ट-कचहरी तो बुर्जुआ जनतंत्र क...किसी ने कहा है कि कोर्ट-कचहरी तो बुर्जुआ जनतंत्र के दिखाने के दांत हैं। अपना काम तो वह लाठी और पैसे के बल पर लगातार किए जाता है। चाहे कोर्ट का फैसला उसके हक में रहे न रहे।जय पुष्पhttps://www.blogger.com/profile/01821339425026535625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-74286766485356342912010-03-05T23:10:19.799+05:302010-03-05T23:10:19.799+05:30हां सर एक एक शब्द सत्य है और आपके अनुभव ने इसे प्र...<i> <b> हां सर एक एक शब्द सत्य है और आपके अनुभव ने इसे प्रमाणित भी कर दिया है ...हालांकि देश की राजधानी दिल्ली में इससे तो बेहतर हैं हालात ....मगर यकीनन ही ऐसे तो नहीं कि कहा जाए कि न्याय सुलभ ,सस्ता और तीव्र है ...सरकार और प्रशासन को फ़ुर्सत कहां है इन बातों पर सोचने करने के लिए </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-19443117758462785062010-03-05T22:55:19.962+05:302010-03-05T22:55:19.962+05:30लेकिन देश के शासनकर्ताओं पक्ष-विपक्ष के किसी राजने...लेकिन देश के शासनकर्ताओं पक्ष-विपक्ष के किसी राजनेता के कान पर जूँ तक नहीं रेंगती। उन्हें न्याय से क्या लेना-देना। शायद इसलिए कि न्याय उन की गतिविधियों में बाधक बनता है? केन्द्र सरकार ने जो ताजा बजट पेश किया है उस में सु्प्रीम कोर्ट के लिए जिस धन का प्रावधान किया गया है वह पिछले वर्ष से कम धन का है।..<br />yh chintneey bindu hai.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-22648377271680648442010-03-05T22:38:10.686+05:302010-03-05T22:38:10.686+05:30who is responsible for all that mess. not the comm...who is responsible for all that mess. not the common man, definitely. it is the government who is indifferent towards the common man, sir.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.com