tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post2834816971035019974..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: 'भँवर म्हाने पूजण दो गणगौर'दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-76597402273968850182008-04-14T21:17:00.000+05:302008-04-14T21:17:00.000+05:30गणगौर के बारे में सुना था अब जानकारी भी मिली , धन्...गणगौर के बारे में सुना था अब जानकारी भी मिली , धन्यवाद ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82201067402253924332008-04-13T02:36:00.000+05:302008-04-13T02:36:00.000+05:30दिनेशजी , बहुत ही शानदार पोस्ट थी। आनंद आया । संस...दिनेशजी , बहुत ही शानदार पोस्ट थी। आनंद आया । संस्कृति से जुड़ी ऐसी ही बातें और साझा कीजिए ।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-51638034677377982782008-04-11T12:22:00.000+05:302008-04-11T12:22:00.000+05:30मां के साथ बचपन से ही गणगौर की पूजा और व्रत किया ह...मां के साथ बचपन से ही गणगौर की पूजा और व्रत किया है, सचमुच फ़लस्वरूप पतिदेव भोलेनाथ जैसे ही मिले.ससुराल यू.पी में होने की वजह से वहं गणगौर नहीं मनाई जाती,किन्तु सन्स्कारवश बहुत ही शौक से पूजा करती हूं, अकेले ही.Ila's world, in and outhttps://www.blogger.com/profile/13648932193142137941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-9466936347803875072008-04-09T23:38:00.000+05:302008-04-09T23:38:00.000+05:30हमारे लिए नई और रोचक जानकारी है. आपको और शोभा जी क...हमारे लिए नई और रोचक जानकारी है. आपको और शोभा जी को पर्व पर बधाई... गेहूँ गुड़ के मीठे गुणे से सत्तू याद आ गया. कभी बचपन में नानी के घर जाकर खाते थे.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-33408996324999806132008-04-09T16:53:00.000+05:302008-04-09T16:53:00.000+05:30गणगौर आई और चली भी गई हमें तो पता भी नहीं चला। गाँ...गणगौर आई और चली भी गई हमें तो पता भी नहीं चला। गाँव छूटने के बाद बस यह गीत गुनगुना कर ही मन को संतोष दे देते हैं बाकी कहां बनते हैं वह पकवान और कहां है शहरों में अब वो त्यौहार..?<BR/>खेलण दो गिणगौर भँवर म्हाने...<BR/>माथा पे मेमद ल्याय आलीजा मारी रखड़ी रतन जड़ाय.. :)सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-36185186896098822262008-04-09T12:36:00.000+05:302008-04-09T12:36:00.000+05:30रायपुर में राजस्थान के लोग बहुत आकर बसे हुए हैं सो...रायपुर में राजस्थान के लोग बहुत आकर बसे हुए हैं सो यहां भी गणगौर उत्सव होना ही है, अखबारों से पता चलता है कि बढ़िया मनाया गया गणगौर!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67660452352109002772008-04-09T10:31:00.000+05:302008-04-09T10:31:00.000+05:30हमें यहां पता ही नही चला कि कब गणगौर आई और चली गई।...हमें यहां पता ही नही चला कि कब गणगौर आई और चली गई। गुणा-मूंगडी और शक्करपारे भी नही मिले :(Nitin Baglahttps://www.blogger.com/profile/18440781901122132231noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-34012032793878219232008-04-09T06:07:00.000+05:302008-04-09T06:07:00.000+05:30मैने बून्दी के किले में ढ़ेरों भित्ति चित्र देखे थे...मैने बून्दी के किले में ढ़ेरों भित्ति चित्र देखे थे। कुछ तो समय के साथ खराब हो रहे हैं, पर अधिकांश अच्छी अवस्था में हैं। उनमें अधिकांश की थीम थी गणगौर उत्सव। <BR/>लगता है हाड़ोती का सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पक्ष है गणगौर। <BR/>इस लेख से यादें ताजा हो आयीं।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com