tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post250752837332926946..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: दवाइयाँ शुरु ...................... डाक्टर देवता-2दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-14843428107525501872011-05-27T16:07:17.873+05:302011-05-27T16:07:17.873+05:30अरे आप तो पढे लिखे हे, फ़िर वकील भी आप भी दवा की रस...अरे आप तो पढे लिखे हे, फ़िर वकील भी आप भी दवा की रसीद नही लेते, यह भी एक जुर्म हे:) वैसे हम यहां कोई भी नयी दवा जब लेते हे तो हमारे डाक्टर ओर केमिस्ट उस दवा के बारे पुरी जानकारी देते हे, ओर कुछ भी अलग बात लगने पर उसी समय फ़ोन करने या सुचित करने या अस्पताल जाने की चेतावनी देते हे, कई दवाओ से कब्ज जैसी शिकायत होती हे, उन दवा को उसी समय बंद कर देते हे. चलिये मजा आ रहा हे आप के लेख को पढ कर देखे आगे क्या होता हे. राम भली करेगाराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-3145389667182089552011-05-26T18:45:42.779+05:302011-05-26T18:45:42.779+05:30@प्रवीनजी से सहमत....डॉअमर की टिप्पणी पढ्कर लग रहा...@प्रवीनजी से सहमत....डॉअमर की टिप्पणी पढ्कर लग रहा है जैसे वार्ड में बैठे किसी मरीज़ की हक़ीकत सुन रहे हों.... :) और सतीश जी उन्हें देख परेशान हो रहे हों....मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-83809212485062538252011-05-26T06:30:55.892+05:302011-05-26T06:30:55.892+05:30तीसरा पहले पढ़ लिया मगर फिर भी उत्सुक्ता बनी थी......तीसरा पहले पढ़ लिया मगर फिर भी उत्सुक्ता बनी थी...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81251767319885652552011-05-26T01:06:17.133+05:302011-05-26T01:06:17.133+05:30उत्सुकता बढाती हुई बेहतरीन कहानी है यह.उत्सुकता बढाती हुई बेहतरीन कहानी है यह.एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-17610081905074101302011-05-25T17:43:07.852+05:302011-05-25T17:43:07.852+05:30हाँ तो आगे... ?हाँ तो आगे... ?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-27251038165731230712011-05-25T13:54:45.546+05:302011-05-25T13:54:45.546+05:30dukh dard ki baat bhi itne rochak dhang se...........dukh dard ki baat bhi itne rochak dhang se........age ke liye akulahat<br />aane ko hai.......<br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-56152827199579316892011-05-25T12:04:01.288+05:302011-05-25T12:04:01.288+05:30डॉ अमर कुमार हमें उलझा रहे हैं ....:-)डॉ अमर कुमार हमें उलझा रहे हैं ....:-)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-64466953262609856922011-05-25T10:57:19.000+05:302011-05-25T10:57:19.000+05:30हम तो समझ गए थे कि मामला स्पांडिलाइटिस का है और आप...हम तो समझ गए थे कि मामला स्पांडिलाइटिस का है और आप को शायद ज़रूरत से ज्यादा ट्रेंकुलाज़र दिया गया जिसके कारण आप घोडे बेच कर सोते रहे और भैंस दूध संजो कर चलती बनी:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-7449202749308623282011-05-25T10:28:20.548+05:302011-05-25T10:28:20.548+05:30हाँ हाँ, लिखते जाइये..
मैं पढ़ रहा हूँ, पर, अभी बोल...<i>हाँ हाँ, लिखते जाइये..<br />मैं पढ़ रहा हूँ, पर, अभी बोलना उचित नहीं कि आपको फिज़िऑथेरॅपिस्ट के पास जाना चाहिये ।<br />हाँ तो आगे... ?<br /><br />वैसे डॉक्टर को बताना चाहिये कि दवा को पानी से लिया जाये या दूध से...<br />सोचा होगा, ज़िरह से बचने का यही तरीका है.. मेडिकल कम्पनी वाले के ज़िम्मे कर दो ।<br />वरना... पानी से...?<br />किस पानी से, ठँडे या गरम पानी से, हैण्ड पम्प या कुँये के पानी से, फिल्टर्ड या गैर फिल्टर्ड पानी से, जी म्यूनिसपैलिटी का पानी चलेगा ? इत्यादि इत्यादि...<br />नहीं नहीं दूध से... !<br />किस दूध से.. गाय के दूध से या भैंस के दूध से, पहली ब्यान की गाय या दूसरी ब्यान की भैंस, गाँधी जी बकरी के दूध से लेते थे मैं अगर डेयरी के दूध से लूँ, तो चलेगा ? इत्यादि इत्यादि...<br />कुल जमा यह कि सँतुष्ट होने की एक स्थिर सीमा है, असँतुष्ट रहने और सँशय में रहने की सीमायें अनन्त हैं..... हाँ तो आगे... ? <br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-76249924142842913822011-05-25T08:58:14.985+05:302011-05-25T08:58:14.985+05:30likhker phir so to nahi gaye ? ab kaisi hai tabiya...likhker phir so to nahi gaye ? ab kaisi hai tabiyat?रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43587347352842193622011-05-25T08:58:14.823+05:302011-05-25T08:58:14.823+05:30ज्यो-ज्यो कहानी आगे बढ़ रही है, उत्सुकता बढ़ रही है....ज्यो-ज्यो कहानी आगे बढ़ रही है, उत्सुकता बढ़ रही है.... वैसे रसीद लेनी चाहिए, मैंने तो अक्सर लेता हूँ.... आयकर बचाने में काम जो आती है :-)Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-78838478990333868232011-05-25T08:55:53.155+05:302011-05-25T08:55:53.155+05:30चंद्रकांता संतति की तरह आज भी रहस्य अधूरा ही रहा ....चंद्रकांता संतति की तरह आज भी रहस्य अधूरा ही रहा ....मगर जल्दी के बावजूद पूरा पढ़ा ! शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-88664214729474448622011-05-25T07:54:58.190+05:302011-05-25T07:54:58.190+05:30अंतिम टिप्पणी तो पूरा पढने के बाद हीअंतिम टिप्पणी तो पूरा पढने के बाद हीArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-61906272984753269462011-05-25T06:17:15.553+05:302011-05-25T06:17:15.553+05:30विदेशों में मरीज का अधिकार होता है प्रश्न पूछना, य...विदेशों में मरीज का अधिकार होता है प्रश्न पूछना, यहाँ पर हड़बड़ी का माहौल बनाये रहते हैं सब।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-77770427138574751892011-05-25T01:58:26.177+05:302011-05-25T01:58:26.177+05:30लेकिन उन रुपयों की कोई रसीद नहीं दी। पहले घट चुके ...लेकिन उन रुपयों की कोई रसीद नहीं दी। पहले घट चुके घटनाक्रम के कारण मेरी रसीद मांगने की हिम्मत भी न हुई।<br /><br />हर दूसरा व्यक्ति आज रसीद नहीं देता है. इस तरह की कमाई को ही काला धन कहा जाता है. कई क्लेम कम्पनियां बिल की रसीद न होने के कारण क्लेम का निपटारा नहीं करती हैं या बहाने बनती हैं.रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीकhttps://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.com