tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post2417455860331676299..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: रात इतनी भी नहीं है सियाहदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-20448723499444057422009-12-15T23:25:08.362+05:302009-12-15T23:25:08.362+05:30ऐसी कविताऍं निराश होने से बचाती हैं।ऐसी कविताऍं निराश होने से बचाती हैं।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-78085004153921069542009-12-15T17:57:27.774+05:302009-12-15T17:57:27.774+05:30शिवराम जी की कविताओं में देशज शब्दों का प्रयोग बहु...शिवराम जी की कविताओं में देशज शब्दों का प्रयोग बहुत अच्छा लगता है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-11992258198234115872009-12-15T16:05:24.948+05:302009-12-15T16:05:24.948+05:30जय आशावाद!
बाकी मशाल रोशनी के हेतु हो, राख करने क...जय आशावाद! <br />बाकी मशाल रोशनी के हेतु हो, राख करने को नहीं!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-13077867986736237432009-12-15T15:31:59.191+05:302009-12-15T15:31:59.191+05:30dwivedi ji aapko aur shivram ji ko hardik badhayi ...dwivedi ji aapko aur shivram ji ko hardik badhayi itni sundar aur hridaysparshi kavita padhwane ke liye..........aabhar.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-83646093130433681792009-12-15T11:57:16.644+05:302009-12-15T11:57:16.644+05:30द्विवेदी सर,
कितना अच्छा हो ब्लॉगिंग को लोकाचारी ब...द्विवेदी सर,<br />कितना अच्छा हो ब्लॉगिंग को लोकाचारी बनाने के लिए सभी ब्लॉगर इस कविता को आत्मसात कर लें...एक-दूसरे की टांग खिंचाई बंद कर टीम की तरह आगे बढ़ें...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-1686441660401340422009-12-15T09:44:30.359+05:302009-12-15T09:44:30.359+05:30"और ध्रुव कभी डूबता नहीं है
पुकार-पुकार कर कह..."और ध्रुव कभी डूबता नहीं है<br />पुकार-पुकार कर कहता है <br />बार बार<br />उत्तर इधर है, राहगीर! <br />उत्तर इधर है.."<br /><br />प्रेरणा भरती पंक्तियाँ । मैं मूक हूँ । चला पड़ा हूँ ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-19325694228015741972009-12-15T09:32:16.267+05:302009-12-15T09:32:16.267+05:30न राह मंजिल है
न पड़ाव ठिकाने
जब सुबह हो
और सूरज ...न राह मंजिल है<br />न पड़ाव ठिकाने<br /><br />जब सुबह हो<br />और सूरज प्रविष्ठ हो<br />हमारे गोलार्ध में<br />हमारे हाथों में हों<br />लहराती मशालें<br />बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है श्री शिवराम जी को बधाई और आपका भी धन्यवाद इतनी सुन्दर रचना पढवाने के लिये।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43660431025850468022009-12-15T08:51:48.234+05:302009-12-15T08:51:48.234+05:30अच्छी कविताअच्छी कविताउम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-63038652695897654922009-12-15T07:39:55.797+05:302009-12-15T07:39:55.797+05:30सर शिवराम जी कविता तो अद्भुत लगी ..एक दम हटके ..वि...सर शिवराम जी कविता तो अद्भुत लगी ..एक दम हटके ..विशेष ..मजा आ गया ॥अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84385307553616088432009-12-15T05:11:37.500+05:302009-12-15T05:11:37.500+05:30आनन्द आया शिवराम जी को पढ़कर हमेशा की तरह!!आनन्द आया शिवराम जी को पढ़कर हमेशा की तरह!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-53496253304383019822009-12-15T00:01:18.065+05:302009-12-15T00:01:18.065+05:30हमारे कदम हों
मंजिलों को नापते हुए
हमारे तेजोदीप...हमारे कदम हों <br />मंजिलों को नापते हुए<br /><br />हमारे तेजोदीप्त चेहरे करें<br />सूर्य का अभिनन्दन।<br />साधुवाद.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-27628413268029724692009-12-14T23:58:02.222+05:302009-12-14T23:58:02.222+05:30आदरणीय
दिनेशराय द्विवेदी जी
सादर अभिवन्दन.
अपन...<b>आदरणीय <br />दिनेशराय द्विवेदी जी<br />सादर अभिवन्दन. <br />अपनी रचनाएँ और अपना साहित्य प्रदर्शन तो सभी करते हैं, परंतु विरले होते हैं कि जो दूसरों के उत्कृष्ट साहित्य को सम्मान देते हुए उसे समाज के समक्ष लाते हैं. <br />आप ने श्री शिव राम जी कि सुंदर और आशावादी रचना से हमें भी आशान्वित किया . उन्हें तो हमारी ढेर सारी बधाई तो आप प्रेषित करें ही, आप भी हमारा आभार स्वीकरें--- इस नेक कार्य के लिए. <br />कुछ हृदय स्पर्शी पंक्तियाँ :- <br /><br /><br />जब सुबह हो <br />और सूरज प्रविष्ठ हो <br />हमारे गोलार्ध में <br />हमारे हाथों में हों <br />लहराती मशालें <br /><br /><br />हमारे कदम हों <br />मंजिलों को नापते हुए <br /><br />हमारे तेजोदीप्त चेहरे करें <br />सूर्य का अभिनन्दन। <br /> <br />अच्छी लगीं. <br /><br /> - विजय</b>विजय तिवारी " किसलय "https://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-3837075763548875702009-12-14T23:45:49.743+05:302009-12-14T23:45:49.743+05:30बढिया रचना प्रेषित की है।आभार।बढिया रचना प्रेषित की है।आभार।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-54947415786744680682009-12-14T23:44:46.094+05:302009-12-14T23:44:46.094+05:30*
निश्चित रूप से रात इतनी सियाह नहीं !
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ये वही ...*<br />निश्चित रूप से रात इतनी सियाह नहीं !<br /><br />**<br />ये वही शिवराम हैं न नाटककार?siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.com