tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post2070328408283822628..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: वर्जनाएँ अब नहीं -गीत * महेन्द्र 'नेह'दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-15787294376255804912009-07-23T23:40:37.357+05:302009-07-23T23:40:37.357+05:30ravikumarswarnkar
कसर पूरी कर दी गई है। त्रुटि की...ravikumarswarnkar <br />कसर पूरी कर दी गई है। त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-72165237535509827322009-07-23T23:11:45.969+05:302009-07-23T23:11:45.969+05:30एक लाईन रह गयी...
जन्म से पहले
लकीरें हाथ की तय ह...एक लाईन रह गयी...<br /><br />जन्म से पहले<br />लकीरें हाथ की तय हो गई<br />इक सिर से<br />न्याय की संभावना गुम हो गई<br /><br />बहुत ही उम्दा गीत है....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28484155451290636362009-07-22T20:50:18.426+05:302009-07-22T20:50:18.426+05:30कविता बहुत पसंद आई। सहानुभूति से शायद जुकाम का प्र...कविता बहुत पसंद आई। सहानुभूति से शायद जुकाम का प्रकोप कम हो, सो भेज रही हूँ।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-5860118598810172422009-07-21T13:17:45.793+05:302009-07-21T13:17:45.793+05:30जुकाम तो हमें भी हुआ है पर लोगों ने उसे स्वाइन फ्ल...जुकाम तो हमें भी हुआ है पर लोगों ने उसे स्वाइन फ्लू होने का जो भ्रम फैलाया की मत पूछिए... टेस्ट और दवाइयाँ... खैर !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-49169106502860902542009-07-21T11:20:44.594+05:302009-07-21T11:20:44.594+05:30बहुत सुंदर रचना.
रामराम.बहुत सुंदर रचना. <br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-62318508468719395152009-07-21T10:15:49.908+05:302009-07-21T10:15:49.908+05:30बहुत सुन्दर गीत बहुत बहुत धन्यवाद नेह जी को बधाई ...बहुत सुन्दर गीत बहुत बहुत धन्यवाद नेह जी को बधाई आपके स्वास्थ्य के लिये शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84797368749189236122009-07-21T09:19:26.250+05:302009-07-21T09:19:26.250+05:30बहुत अच्छा लगा पढ़करबहुत अच्छा लगा पढ़करअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-63140524589404134302009-07-21T08:03:22.002+05:302009-07-21T08:03:22.002+05:30अद्भुत गीत महेन्द्र नेह जी और आपको नमन. पूरे दिन क...अद्भुत गीत महेन्द्र नेह जी और आपको नमन. पूरे दिन के लिये बडी उर्जा प्राप्त हुई.संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/04495238607820943010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82117433853074403712009-07-21T07:58:18.507+05:302009-07-21T07:58:18.507+05:30जिन्दगी अपनी
किसी की मेहरबानी भर नहीं
मौत से बढ़ ...जिन्दगी अपनी<br />किसी की मेहरबानी भर नहीं <br />मौत से बढ़ कर <br />कोई आतंक कोई डर नहीं<br /><br />अच्छी प्रस्तुति।<br />बधाई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-48226157090548769872009-07-21T07:35:11.857+05:302009-07-21T07:35:11.857+05:30सुन्दर रचना शुक्रिया !सुन्दर रचना शुक्रिया !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-12893636402430997622009-07-21T07:29:07.973+05:302009-07-21T07:29:07.973+05:30देवताओं
ताड़नाएँ, वर्जना
........
अच्छी लगी यह रच...देवताओं <br />ताड़नाएँ, वर्जना<br />........<br />अच्छी लगी यह रचना.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90445366579081329062009-07-21T06:59:18.753+05:302009-07-21T06:59:18.753+05:30जबरदस्त!! नेह जी को पढ़ कर हमेशा ही आनन्दित हो लेते...जबरदस्त!! नेह जी को पढ़ कर हमेशा ही आनन्दित हो लेते हैं. आपका आभार!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-74180745487044937752009-07-21T06:11:07.579+05:302009-07-21T06:11:07.579+05:30"ये हवा पानी जमीने ये हमारे ख़्वाब हैं
ये गणि..."ये हवा पानी जमीने ये हमारे ख़्वाब हैं<br />ये गणित कैसी ये सब के सब तुम्हारे पास हैं<br />देवताओं ताड़नाएँ, वर्जनाएँ अब नहीं"<br /><br />इन पंक्तियों का सात्विक दृढ़ भाव और तीव्रता आकर्षित करती है । महत्वपूर्ण पंक्तियाँ । धन्यवाद ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.com