tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post982841763821819519..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: "आफू की पान्सी", खाई है कभी आप ने?दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-61320973120278401672010-04-28T17:46:01.335+05:302010-04-28T17:46:01.335+05:30@विष्णु बैरागी जी
अफ़ीम के रंग बिरंगे फूलों पर कु...@विष्णु बैरागी जी <br />अफ़ीम के रंग बिरंगे फूलों पर कुछ और प्रकाश डालें . यह कब और कैसे हुआ , किसने रंग चुराया .डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-35964240638393579872010-04-28T16:42:04.454+05:302010-04-28T16:42:04.454+05:30घूमते हुए यहां पहुंचे तो इस नायाब डिश के बारे मे प...घूमते हुए यहां पहुंचे तो इस नायाब डिश के बारे मे पता चला । अफीम के खेतों मे सुंदर फूल मैने भी ट्रेन से देखा है । जब छुट्टियों मे सुल्तानपुर जाना होता है तो लखनऊ से पहले बाराबंकी के आस पास बहुत सारे अफीम के खेत और उनमे उगे मनमोहक फूल दिखाई देते हैं । अफीम , हेरोइन और मार्फीन का जनक ये पोश्त का पौधा है यह तो पता था मगर ये सब्जी और खीर , ये तो बिल्कुल नयी बात पता चली ।<br /><br />हां एक बात और अफीम की खेती से ईस्ट इंडिया कम्पनी का व्यापार और जुल्मों की भी लम्बी दास्तान भी जुड़ी है ।विजय प्रकाश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17982982306078463731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-85088371074172923242010-04-28T00:21:35.079+05:302010-04-28T00:21:35.079+05:30अफीम की सूखी भाजी में नशा वास्तव में उतना नहीं हो...अफीम की सूखी भाजी में नशा वास्तव में उतना नहीं होता जितना कि मान लिया जाता है। इसके नशे को लेकर भौतिक/रासायनिक प्रभाव कम और मानसिक प्रभाव अधिक होते हैं। अफीम की सूखी भाजी, गर्मी के मौसम में मालवा के देहाती इलाकों में घर-घर में बनाई जाती है। चने के सूखे डण्ठल के भाते से इसमें खटाई (आलणी) का भाता लगाया जाता है।<br />अफीम के पौधों पर रंगीन फूल की बहार का अपना जमाना था। अब वह रंगीनी समाप्त हो गई है। विज्ञान ने यह रंगीनी छीन ली। अब तो पूरा खेत सफेद फूलों से ढका रहता है।<br />बहरहाल, आफू की आलणी भाजी के लिए जी ललचानेवाली इस मादक पोस्ट के लिए धन्यवाद।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-27935225894412652352010-04-26T21:04:21.278+05:302010-04-26T21:04:21.278+05:30सर नोट कर लिया है बराबर , जब भी आना होगा आपके पास ...सर नोट कर लिया है बराबर , जब भी आना होगा आपके पास ये लज़ीज़ व्यंजन जरूर ही चखेंगे ।अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-27923682428227133512010-04-26T20:46:00.176+05:302010-04-26T20:46:00.176+05:30बड़ी जानकारी दी आपने.
हमने तो कभी खाई नहीं यह सब्ज...बड़ी जानकारी दी आपने.<br /><br />हमने तो कभी खाई नहीं यह सब्जी. देखिये, शायद कभी खाने का इन्तजाम हो. हाँ पोस्ते दाने के दूध के साथ खीर जरुर खाई है.<br /><br /><br />आभार इस पोस्ट का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-55037480398367012592010-04-26T17:58:06.989+05:302010-04-26T17:58:06.989+05:30जी हाँ जरुर खाई है आफु की भाजी. आखिर अफीम के देश म...जी हाँ जरुर खाई है आफु की भाजी. आखिर अफीम के देश में काफी समय रहे है (नीमच मंदसौर जिला ) पर मेरी जानकारी के अनुसार अफीम का नशा केवल डोडो के बाहरी हिस्सों में रहता है. पत्तो की भाजी खाने पर कभी नशा नहीं हुआ. और डोडो मे से दाने निकाल कर खाने में भी बड़ा मज़ा आता था. कुछ लोग कच्चे डोडे की सब्जी बनाते थे पर वो नशे के लिए ही ये खाते थे. आपके लेख ने बचपन की यादे ताज़ा कर दी.शोभाhttps://www.blogger.com/profile/12010109097536990453noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-58042338751418258322010-04-26T17:50:35.082+05:302010-04-26T17:50:35.082+05:30दिनेश जीमेरे नाना इस का ठेका लेते थे, अपने सारे इल...दिनेश जीमेरे नाना इस का ठेका लेते थे, अपने सारे इलाके का, इस लिये मां ने हमे इस के बारे बहुत कुछ बताया था, डोडो मै भी नशा होता है, लोग इसे ऊबाल कर खुब पीते है, ओर नशा करते है, <b> लेकिन अफ़िम के हर पोधे मै नशा नही होता, सिर्फ़ मादा पोधा ही नशे का समान देता है, नर पोधा सिर्फ़ दिखता मादा की तरह से है लेकिन उस मै नशा नही होता, ओर ना ही अफ़ीम ही बनती है </b> पंजाब मै इस से नशा करने बाले बहुत है, खास कर ट्रक डराईवरराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28184972892686979002010-04-26T17:42:07.105+05:302010-04-26T17:42:07.105+05:30बहुत अच्छी पोस्ट। ऐसी ही चीजें पढ़ने के लिए अब भी ...बहुत अच्छी पोस्ट। ऐसी ही चीजें पढ़ने के लिए अब भी ब्लॉग खोलने का मन करता है।चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-39784145648380701432010-04-26T16:47:08.784+05:302010-04-26T16:47:08.784+05:30गाँव में हमारी गली के बाहर एक जमनाभाई नाई थे.. बा...गाँव में हमारी गली के बाहर एक जमनाभाई नाई थे.. बाल काटने के अलावा दिन भर अफीम के डोडों के छिलकों को कूट कर उबालकर उसके पानी की (चाय के काले पानी की तरह) महफिलें सजाते थे। उनके यहाँ नशेड़ियों का जमघट लगा ही रहता था।<br />हम जब बच्चे थे तब एकाद बार फरमाईश कर दी तो हमें डाँट कर भगा दिया। <br />जमनाभाई के बारे में किवंदती आज भी प्रसिद्ध है कि उन्हें दो तीन बार साँप ने काट लिया था और <a rel="nofollow"><b>साँप तड़प तड़प कर मर गया</b></a> था। अब इस बात में कितनी सच्चाई है भगवान जाने। <br />इन डोडों में से खसखस निकालकर तो बहुत खाई है लेकिन आफू की पान्सी की सब्जी याद नहीं आ रही। आज माताजी से पूछना पड़ेगा।सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28807974626992173202010-04-26T13:27:19.910+05:302010-04-26T13:27:19.910+05:30अफीम ? हमें तो दर लगेगा खाने में भले ही इसमें कुछ ...अफीम ? हमें तो दर लगेगा खाने में भले ही इसमें कुछ ना होता हो. बहुत सी नयी जानकारी मिली इस पोस्ट से.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-8184217391490689242010-04-26T13:13:33.443+05:302010-04-26T13:13:33.443+05:30नाम तो कॉपी राइट करवा लीजिए ""आफू की पान...नाम तो कॉपी राइट करवा लीजिए ""आफू की पान्सी"<br /><br />अगली बॉलीवुड फिल्म धमाकेदार नामडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52540232382009628362010-04-26T13:11:51.425+05:302010-04-26T13:11:51.425+05:30@ ज्ञान जी
जब खाई नहीं तो पता कैसे चला
डाक्टर ने...@ ज्ञान जी <br />जब खाई नहीं तो पता कैसे चला <br />डाक्टर ने कोई परहेज बताया हैडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-55181181127889784362010-04-26T13:05:40.861+05:302010-04-26T13:05:40.861+05:30अच्छा है नहीं खाई, मुझे बताया गया था कि सब्जी में ...अच्छा है नहीं खाई, मुझे बताया गया था कि सब्जी में नशा तत्व नहीं होता। :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-60803163513469140752010-04-26T12:46:57.175+05:302010-04-26T12:46:57.175+05:30राम राम सा
आफ़ू का साग अब लाना ही पड़ेगा,
दिमाग को ठ...राम राम सा<br />आफ़ू का साग अब लाना ही पड़ेगा,<br />दिमाग को ठंडा रखने की शर्तिया औषधि है।<br /><br />आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-80842621075595384202010-04-26T12:14:06.277+05:302010-04-26T12:14:06.277+05:30हमने तो पहली बार इसका नाम सुना ।हमने तो पहली बार इसका नाम सुना ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82256346907943948112010-04-26T10:49:28.135+05:302010-04-26T10:49:28.135+05:30नाम सुन कर ही नशा हो जाएनाम सुन कर ही नशा हो जाएडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-32363436494282734152010-04-26T10:37:15.859+05:302010-04-26T10:37:15.859+05:30अपनी गाड़ी खस खस की मसालेदार सब्जी और हलवे पर ही अ...अपनी गाड़ी खस खस की मसालेदार सब्जी और हलवे पर ही अटकी हुई है...यहां अफीम की खेती होती नहीं इसलिए आफू की पान्सी के स्वाद और तासीर की परख बस एक सम्भावना ही है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-65426597855975053682010-04-26T09:10:24.419+05:302010-04-26T09:10:24.419+05:30नीम का भाई अफीम!
नीम तो अपने गुणों की वजह से जगतप्...नीम का भाई अफीम!<br />नीम तो अपने गुणों की वजह से जगतप्रसिद्ध हो गया, लेकिन<br />अफीम गुणों के होते हुए भी बदनाम ही रहा।<br />आज पहली बार पता चला अफीम के गुणों के बारे मे।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90018834068577926992010-04-26T08:39:21.454+05:302010-04-26T08:39:21.454+05:30कहीं इसके आनन्द में खो न जाईयेगा । आगे बढ़ने में ख...कहीं इसके आनन्द में खो न जाईयेगा । आगे बढ़ने में खतरा है ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45060172382668909632010-04-26T07:04:17.574+05:302010-04-26T07:04:17.574+05:30आफू की पांसी पहली बार सुनी -देखिये कब चखने को मिल...आफू की पांसी पहली बार सुनी -देखिये कब चखने को मिलती है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23631123612178383812010-04-26T04:03:57.841+05:302010-04-26T04:03:57.841+05:30अनभिज्ञ हूँ, तब तक..
जब तक आफू की पान्सी, कभी खिल...<i><br />अनभिज्ञ हूँ, तब तक..<br />जब तक आफू की पान्सी, कभी खिलायेंगे नहीं आप ?<br /></i>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-36517805257126361992010-04-26T02:18:06.291+05:302010-04-26T02:18:06.291+05:30कुछ ब्लॉग़ ऐसे हैं जिन्हें पढ़कर हर बार दाँतों तले उ...कुछ ब्लॉग़ ऐसे हैं जिन्हें पढ़कर हर बार दाँतों तले उँगली दबा लेते हैं...अनवरत निरंतर हमें नई नई जानकारी देता रहता है. आभारमीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-54356427965452024602010-04-26T01:29:02.145+05:302010-04-26T01:29:02.145+05:30पढ़ कर ही नींद हावी होने लगी "आफू की पान्सी&qu...पढ़ कर ही नींद हावी होने लगी "आफू की पान्सी" का ऐसा असर !<br />… … … अरे , रात के साढ़े एक …म्म म्म्मेरा मतलब है डेढ़ बजने को है , शायद नींद ही आ रही हो … नशा न हो ! ऽऽऽअ आ ऊ… हां , नींद ही है !<br /> अरे हम निशाचरों को मतलब ब्लॉगरों को नींद क्या आएगी !!<br /><br /> वैसे द्विवेदीजी , जिस पौधे से अफीम बनती है उस पौधे में मादक द्रव्य तो होगा ही होगा। सुखाने पर पत्तियों से नशीले तत्व उड़ थोड़े ही जाते होंगे । … ख़ैर , आपने भाभीजी के हाथ से नई सब्ज़ी का मज़ा उठाया , हमने नई जानकारी का । अपने अपने नए अनुभवों के सुख को सहेजते हुए अब शुभरात्रि कहना ही उचित रहेगा ।<br />मेरे ब्लॉग "शस्वरं" पर इंतज़ार करूंगा आपका , लिंक है - <br />http://shabdswarrang.blogspot.com<br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-31158278161516615142010-04-26T01:20:54.783+05:302010-04-26T01:20:54.783+05:30बहुत सुंदर जानकारी देने के लिए धन्यवादबहुत सुंदर जानकारी देने के लिए धन्यवादSachihttps://www.blogger.com/profile/04099227991727297022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-6579809841093925702010-04-26T00:21:17.810+05:302010-04-26T00:21:17.810+05:30भई...वाह...
आफू की पान्सी....
शायद हम भी खा पाएं....भई...वाह...<br />आफू की पान्सी....<br /><br />शायद हम भी खा पाएं...कभी...Anonymousnoreply@blogger.com