tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post912910948540298236..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: कल को खु़र्शीद भी निकलेगा, सहर भी होगीदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-56219430010870204912009-09-30T12:17:49.890+05:302009-09-30T12:17:49.890+05:30chaliye.. ant bhala to sab bhala.. :)chaliye.. ant bhala to sab bhala.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-33012835277467007032009-09-29T22:44:13.246+05:302009-09-29T22:44:13.246+05:30ब्लॉगवाणी के बन्द होने से जिस व्यक्ति को अपने पिता...ब्लॉगवाणी के बन्द होने से जिस व्यक्ति को अपने पिता के दिवंगत होने की दुखद घड़ी का स्मरण हो आये उस व्यक्ति की प्रतिबद्धता और सभी के हित की भावना पर सन्देह किया जाये यह दुखद है । इसकी पुनरावृत्ति न हो इस बात का हमें खयाल रखना है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-20117974058750553632009-09-29T16:17:15.754+05:302009-09-29T16:17:15.754+05:30दिनेश जी , मै आप के दर्द को समझता हुं , किसी का ना...दिनेश जी , मै आप के दर्द को समझता हुं , किसी का नाम बेकार मै ही किसी अप्वाद मै आ जाये तो शरीफ़ आदमी अपनी बेज्जती महसुस करता है, लेकिन आप को ओर हमे पता है कि आप के बारे तो फ़िर आप काहे उदास होते है, <br />ओर अब तो ब्लांगबाणी वापिस भी आ गया है, लेकिन अब ब्लांग बानी को कुछ सख्त होना चहिये लोग चाहे ताना शाह हि क्यो ना कहे...क्योकि जिस घर का मुखिया सख्त होता है, वो घर हमेशा बना रहता है.<br />दिनेश जी आप हमारे दिल मै बस ते है , ओर ब्लांग बाणी के बन्द होने का कारण तो अन्य लोग है जिन्हे ज्यादा पसंद ओर ज्यादा ओर ज्यादा का लालच था, लेकिन हमारे जेसे लोगो को तो टिपण्णीयो का भी लालच नही. इस लिये यह बहम मन से निकाल दे, आप हम सब के चहेते ही है, ओर आप के बारे सब के मन मै इज्जत ओर प्यार है,<br />अब जल्दी से खुश हो कर ओर यह बुरा ख्याल मन से निकाल कर एक अच्छी सी पोस्ट लिख दे.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-69181179732710336272009-09-29T14:26:20.057+05:302009-09-29T14:26:20.057+05:30अब तो ब्लोगवाणी वापस आ गयी है. वैसे दुखद तो था ले...अब तो ब्लोगवाणी वापस आ गयी है. वैसे दुखद तो था लेकिन किया भी क्या जा सकता है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-48820394127100984202009-09-29T10:35:48.107+05:302009-09-29T10:35:48.107+05:30गम छोड़ के मनाओ रंगरेली ...
देर आयद दुरुस्त आयद।
...गम छोड़ के मनाओ रंगरेली ...<br /><br />देर आयद दुरुस्त आयद।<br /><br /><b>धन्यवाद ब्लॉगवाणी!!!</b><br /><br />द्विवेदी जी, जो कुछ भी होता है ऊपरवाले की मर्जी से होता है पर किसी न किसी को निमित्त बनना पड़ता है। अब मैं भला आपको क्या समझाऊँ आप तो स्वयं ज्ञानी हैं। सिर्फ आपसे अनुरोध है कि मन से किसी भी प्रकार का मलाल, यदि कोई हो तो, निकाल दे्।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-5130544596200397412009-09-29T02:31:13.860+05:302009-09-29T02:31:13.860+05:30अव्वल तो ब्लागजगत में ज्यादा विचरण हो नहीं पाता, स...अव्वल तो ब्लागजगत में ज्यादा विचरण हो नहीं पाता, सो ब्लागवाणी के बंद होने के जो जो कारण मैथिलीजी ने गिनाए, वे अविनाश वाचस्पति द्वारा दी गई लिंक जो ब्लागवाणी का यूआरएल ही था पर पढ़ डाले। <br /><br />अब आपको यह कहते देखता हूं कि इस विवाद में आपका नाम भी था तो आश्चर्य है। क्या कुछ घटा, पता नहीं, पर कोई महत्वपूर्ण कार्य इसलिए तो बंद नहीं हो जाता कि लोग आपत्ति जता रहे हैं। <br /><br />खैर, नई शुरुआत हर चीज़ की होती है। हर चीज़ की आयु भी होती है। नियामक चाहें तो ही आयु बढ़ सकती है। आप तो मस्त रहें। एग्रीगेटर जरूरी प्लेटफार्म है, इतना मैं समझ पाया हूं मगर उसे चलाना तो उसके संचालक की मर्जी है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-88768081787203049292009-09-29T00:09:52.056+05:302009-09-29T00:09:52.056+05:30यह एक सार्विक चिंता का विषय है...
पर रास्ते निकलें...यह एक सार्विक चिंता का विषय है...<br />पर रास्ते निकलेंगे...<br /><br />यक़ीन साहेब बख़ूबी यक़ीन दिला ही रहे हैं...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-63626929712394458012009-09-28T22:42:28.275+05:302009-09-28T22:42:28.275+05:30आप कतई निराश न हों. आप अपना काम करते रहें.
पुरुषो...आप कतई निराश न हों. आप अपना काम करते रहें.<br /><br />पुरुषोत्तम यकीन जी गज़ल बहुत कुछ कह रही है.<br /><br />ब्लॉगवाणी का जाना बेहद दुखद एवं अफसोसजनक.<br />हिन्दी ब्लॉगजगत के लिए यह एक बहुत निराशाजनक दिन है.<br />संचालकों से पुनर्विचार की अपील!<br /><br />विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-26442765737652518742009-09-28T22:39:52.109+05:302009-09-28T22:39:52.109+05:30ब्लागवाणी के बंद होने का दुख सभी ब्लागर भाइयों को ...ब्लागवाणी के बंद होने का दुख सभी ब्लागर भाइयों को है पर आप अपने दिल पर यह इल्ज़ाम न लें कि आप भी एक कारण है उसके बंद होने के....सुबह ज़रूर आएगी, सुबह का इन्तेज़ार कर.....चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82960890947479972852009-09-28T21:51:30.116+05:302009-09-28T21:51:30.116+05:30द्विवेदी सर, आपको इतना जज़्बाती पहले कभी नहीं देखा...द्विवेदी सर, आपको इतना जज़्बाती पहले कभी नहीं देखा...रही बात जो हो रहा है, वो हमारे बस का नहीं है...जो हमारे बस का ही नहीं तो उस पर मलाल कैसा...कहते हैं हर मुश्किल घड़ी में कोई न कोई अच्छाई छिपी होती है...शायद ये सब वैसे ही सफाई के लिए हो रहा हो, जैसे दीवाली से पहले हम अपने घरों की सफाई करते हैं...वैसे दुर्गा पूजन और दशहरे के साथ आने का भी कुछ महत्व होता है...अब कदम-कदम पर रावण, दुर्गा करे भी तो क्या करे...कितने रावणों को मारे...एक मरता नहीं कि हाइड्रा के सिर की तरह दस और निकल आते हैं...लेकिन आखिर में जीत राम के रूप में दुर्गा की ही होगी...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.com