tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post9062864375644806162..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: मैं ने चाहा तो बस इतनादिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-57892988764076665462009-12-29T02:23:44.367+05:302009-12-29T02:23:44.367+05:30आपके समस्त परिवार को , नव - वर्ष की मेरी हार्दिक ...आपके समस्त परिवार को , नव - वर्ष की मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं<br />ये कविता अच्छी लगी , राही साहब का लेखन पहले भी पसंद था और आज भी ..<br />स्नेह सहीत, <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-64233330722762745942009-12-28T20:22:46.358+05:302009-12-28T20:22:46.358+05:30लोटपोट पर ब्लागिंग की दुनिया!!?
गनीमत है पालथी...लोटपोट पर ब्लागिंग की दुनिया!!?<br /><br />गनीमत है पालथी अभी भी मार लेता हूँ :-)<br /><br />अगली पोस्टों का इंतज़ार<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90537379076143884482009-12-28T18:48:31.121+05:302009-12-28T18:48:31.121+05:30बेहतरीन कविता। रॉबर्ट फ्रास्ट की याद आई।बेहतरीन कविता। रॉबर्ट फ्रास्ट की याद आई।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-35018223994526014242009-12-28T12:24:55.502+05:302009-12-28T12:24:55.502+05:30अच्छी कविता !अच्छी कविता !Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-14484736215197248702009-12-28T11:36:01.630+05:302009-12-28T11:36:01.630+05:30मुझे कटरा बी आर्जू राही साहब के उपन्यासों में कमज़ो...मुझे कटरा बी आर्जू राही साहब के उपन्यासों में कमज़ोर लगता है और आधा गांव सबसे उत्कृष्ट। टोपी शुक्ला सबसे रोचक<br /><br />आप पढ के बताईयेगाAshok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-715189486136307882009-12-28T10:49:14.948+05:302009-12-28T10:49:14.948+05:30राही मासूम रजा को पढना कभी-कभी खुद से रू-ब-रू होने...राही मासूम रजा को पढना कभी-कभी खुद से रू-ब-रू होने जैसा लगता है। इसका तो आनन्द ही अलग है। महाविद्यालीन दिनों में हम आठ-दस मित्रों ने 'आधा गॉंव' का सामूहिक और सस्वर वाचन किया था। आपकी पोस्ट ने वह सब याद दिला दिया।<br />शिवरामजी की कविता सदैव की तरह बोलती हुई।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-47577438653527902332009-12-28T10:22:21.801+05:302009-12-28T10:22:21.801+05:30बहुत सुंदर वृतांत, नये साल की रामराम.
रामराम.बहुत सुंदर वृतांत, नये साल की रामराम.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-48978834761763551662009-12-28T09:32:48.055+05:302009-12-28T09:32:48.055+05:30प्रकाशित गालियों के चलते रज़ा साहब का 'ओस की ब...प्रकाशित गालियों के चलते रज़ा साहब का 'ओस की बूंद' कालेज के दिनों में इतना प्रचलित हो गया था कि एक दिन लाइब्रेरियन ने इसे पढ़कर शेल्फ़ से हटाने का फ़ैसला कर लिया था...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-76545368563816037172009-12-28T09:19:44.749+05:302009-12-28T09:19:44.749+05:30अच्छी कविता !अच्छी कविता !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-74816527761061518102009-12-28T08:40:59.902+05:302009-12-28T08:40:59.902+05:30कटरा बी आर्जू कई बार पढ़ा है। राही मासूम रज़ा अपने...कटरा बी आर्जू कई बार पढ़ा है। राही मासूम रज़ा अपने प्रिय हिन्दी लेखक हैं। फिल्मी लेखन में भी कामयाब होने वाले बिरले खांटी हिन्दी वाले। <br />शिवराम जी की कविता उम्दा है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-40654179358624329922009-12-28T08:34:24.908+05:302009-12-28T08:34:24.908+05:30यात्रा पुराण बढियां है -उपसंहार की प्रतीक्षा है !यात्रा पुराण बढियां है -उपसंहार की प्रतीक्षा है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-83813291294007239012009-12-28T00:48:48.582+05:302009-12-28T00:48:48.582+05:30बहुत सुंदर लगा आज का यह पालथी मार कर टिपण्णी करना,...बहुत सुंदर लगा आज का यह पालथी मार कर टिपण्णी करना, हम से तो अब दो मिंट से ज्यादा नही बेठा जाता, ओर समीक्षा का इंतजार रहे गा, मै टांगे पसार कर लेप टाप को गोद मै रख कर, ओर पीठ को दिवार के सहारे रख कर बहुत राम से ब्लांगैग की दुनिया मै जाता हुंराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-37199123841995346862009-12-27T23:48:52.127+05:302009-12-27T23:48:52.127+05:30पुस्तक समीक्षा का इन्तजार रहेगा.
पालथी मार कर बैठ...पुस्तक समीक्षा का इन्तजार रहेगा.<br /><br />पालथी मार कर बैठना तो मानो अब हम भूल ही गये हैं, पेट शायद बैठने भी न दे, :)<br /><br /><br />शिवराम जी की रचना हमेशा की तरह बेहतरीन!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com