tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post8819709865487993778..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: निर्णय का दिनदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52665669034143181292010-10-01T21:43:59.162+05:302010-10-01T21:43:59.162+05:30आपने बहुत शानदार शब्द दिये आज की दैनंदिनी को. मजा ...आपने बहुत शानदार शब्द दिये आज की दैनंदिनी को. मजा आगया पढकर. शुभकामनाएं.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-47316315850036383442010-10-01T14:50:21.020+05:302010-10-01T14:50:21.020+05:30ट्रेन ही खाली नहीं सड़कें भी सुनसान थीं :)ट्रेन ही खाली नहीं सड़कें भी सुनसान थीं :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16902756633494249892010-10-01T11:17:17.569+05:302010-10-01T11:17:17.569+05:30आपकी सक्रियता अच्छी लगी ...सारे दिन का वर्तांत बहु...आपकी सक्रियता अच्छी लगी ...सारे दिन का वर्तांत बहुत सुगढ़ता से लिखा हैसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-35852821684629298582010-10-01T09:11:26.392+05:302010-10-01T09:11:26.392+05:30यहॉ भी ऐसा ही कुछ रहा।यहॉ भी ऐसा ही कुछ रहा।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82296398926610785802010-10-01T09:03:10.785+05:302010-10-01T09:03:10.785+05:30आज पोस्ट लिखने का अंदाज़ अच्छा लगा राज भाई से सहमत...आज पोस्ट लिखने का अंदाज़ अच्छा लगा राज भाई से सहमत हूँ !<br />शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82438191297721710932010-10-01T08:59:06.485+05:302010-10-01T08:59:06.485+05:30यहाँ पर भी दोपहर में सब बन्द, कोई हलचल नहीं थी।यहाँ पर भी दोपहर में सब बन्द, कोई हलचल नहीं थी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-42984127396166198082010-10-01T08:44:27.316+05:302010-10-01T08:44:27.316+05:30"इस्त्री गरम ही नहीं की गई वह ठंडी पड़ी थी&qu..."इस्त्री गरम ही नहीं की गई वह ठंडी पड़ी थी"<br /><br />कई दोस्त सन्दर्भों से काट कर बात का बतंगड बना सकते हैं इसी लिहाज़ से आपके एक वाक्य को कोट कर रहा हूं ! वैसे ...<br /><br />इ स्त्री से क्या मतलब है आपका :)<br /><br />फैसला हो गया जो लगभग सभी के हक़ में है इससे आगे अमन की उम्मीद बांधे आपसे चुहल करने का जी हुआ !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84396304852688229692010-10-01T06:04:32.214+05:302010-10-01T06:04:32.214+05:30आप तो ऐसे दिन भी लगभग सक्रिय ही रहे...बढ़िया रहा व...आप तो ऐसे दिन भी लगभग सक्रिय ही रहे...बढ़िया रहा वृतांत दिनचर्या का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-992913551941135252010-10-01T04:58:53.510+05:302010-10-01T04:58:53.510+05:30एक निष्क्रिय दिन की आपकी सक्रियता -बढियां !एक निष्क्रिय दिन की आपकी सक्रियता -बढियां !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-14365398132520515992010-10-01T01:24:55.995+05:302010-10-01T01:24:55.995+05:30फ़ेसला तो आ गया अब सब इस पर अमल भि करे तो अच्छा हो,...फ़ेसला तो आ गया अब सब इस पर अमल भि करे तो अच्छा हो, या फ़िर मिल ब्रेठ कर सारी बात खत्म कर ले जो कसर रह गई है, इसे आगे ना बढाये, बाकी आप ने आज का पोस्ट बडे मुड मे लिखा है पढ कर मजा आ गया, बिटिया को हमारा प्यार कहे ओर आशीर्वाद भी दे,राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com